नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के शहीद बाबू लाभ सिंह नगर, रतन नगर और न्यू रतन नगर इलाके में पिछले काफी समय से चल रहा तरह सट्टे का कारोबार यहां रहने वाले गरीब परिवारों को निगल रहा था| दिनभर मेहनत मजदूरी कर 2 जून की रोटी कमाने वाले बेबस लोग शाम को दड़े सट्टे में सारा पैसा हार जाते हैं और उनके परिवारों को अन्न का एक दाना तक नसीब नहीं होता| बात सिर्फ यही पर खत्म नहीं होती| जब अपनी कमाई का पैसा खत्म हो जाता गंवाए हुए पैसे वापस जीतने के लालच में ये गरीब तबके के लोग फैक्ट्रियों में जी तोड़ मेहनत करने वाली अपनी पत्नियों की कमाई को भी नहीं छोड़ते| पत्नी इंकार करती तो मामला मारपीट तक पहुंचा जाता| यह सिलसिला पिछले काफी समय से इन तीन मोहल्लों में चल रहा था| जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के कुछ आला कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में यह धंधा फल-फूल रहा था| धंधा चलाने वाले तो मालामाल हो गए लेकिन गरीब लोग और भी कंगाल हो गए| पानी जब सिर के ऊपर चढ़ गया तो महिलाओं ने मोर्चा संभाला| इलाके की लगभग 25 30 महिलाएं पूर्व पार्षद डॉक्टर प्रदीप राय के कार्यालय उनसे मिलने पहुंची और इस कारोबार को बंद कराने की मांग की| डॉ प्रदीप राय ने उनका दुखड़ा सुना और यह कारोबार बंद करवाने का भरोसा दिलाया| उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी बस्ती बावा खेल एसएचओ को दी| साथ ही उन्होंने एसीपी वेस्ट और ACP स्पेशल ब्रांच को भी मामले महिलाओं की मुश्किलों से अवगत कराया| दिल्ली सट्टे के अवैध कारोबार की सूचना मिलते ही पुलिस ने मामले में गंभीरता दिखाई और तत्काल इलाके में यह काम बंद करवा दिया| स्थानीय लोगों ने और डॉक्टर प्रदीप राय ने पुलिस की तत्परता को सलाम करते हुए पुलिस की इस कार्रवाई को सराहनीय बताया| वहीं डॉक्टर प्रदीप राय ने महिलाओं को यह भरोसा भी दिलाया है कि दोबारा इलाके में यह काम शुरू नहीं होगा| बहरहाल, गरीब परिवारों को तत्काल राहत तो मिल गई है लेकिन यह कारोबार दोबारा शुरू नहीं होगा यह कहना फिलहाल मुश्किल है क्योंकि यह कारोबार जिन कांग्रेस के आला नेताओं के संरक्षण में चल रहा था उनकी पहुंच बहुत ऊपर तक है| सूत्र बताते हैं कि इन दड़े सट्टे के कारोबारियों ने अपना कारोबार दोबारा शुरू करने के लिए जोर लगाना शुरु कर दिया है| सूत्र यह भी बताते हैं कि इस अवैध कारोबार का कुछ हिस्सा कांग्रेस के इन आला नेताओं के पास भी पहुंचता था जिसके चलते इस कारोबार को बंद नहीं किया जा रहा था| सूत्रों का कहना है कि इन आला नेताओं ने अवैध कारोबारियों को रोजगार के तौर पर यह अवैध कारोबार करने की छूट दी थी| अब क्योंकि एक कांग्रेस नेता नहीं इसके विरोध मोर्चा खोल दिया था इसलिए पुलिस के लिए कार्यवाही करना जरूरी हो गया था|
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