आयुर्वेद में कब्ज को विबंध कहा जाता है। कब्ज में मल निष्कासन की क्रिया अनियमित हो जाती है और इसमें मल सख्त और सूख जाता है जिसके कारण मल त्याग करने में दिक्कत होती है। वात दोष में असंतुलन के कारण ही कब्ज होती है एवं इस वजह से आंतों में आम (विषाक्त पदार्थों) और […]
Tag: Dr. Ranjan Vishad
सेहत की बात : टॉन्सिल्स (तुण्डिकेरी शोथ) क्या है, कारण, लक्षण और निवारण बता रहे हैं डा. रंजन विशद
स्थूलस्तोददाहप्रापकी प्रागुक्ताभ्यां तुण्डिकेरी मता तु ! अर्थात कफ और रक्त से उत्पन्न होने वाले मोटे, जलन और पाकयुक्त शोथ को तुण्डिकेरी कहते हैं. गाल और तालुसंधि तथा हनुसन्धि के समीप दोनों पार्श्वों में एक-एक ग्रंथि होती हैं उन्हें टॉन्सिल कहते हैं. यह रोग अधिकांशतया हेमंत और वसंत ऋतु में होता हैं. टॉन्सिलाइटिस या टॉन्सिल गले […]
सेहत की बात : स्टोमेटिटिस (मुंह के छाले) के कारण, प्रकार और उपचार बता रहे हैं डा. रंजन विशद
मुंह की श्लेष्मिक कला के सूजन को मुखपाक कहते हैं. इस रोग में मुंह के भीतर ओष्ठ, जीभ, तालु और कपोलो के अंदर व्रण व छाले हो जाते हैं. इससे रोगी को बहुत कष्ट तथा पीड़ा होती है. प्रभावित भाग लाली लिये हुए शोथयुक्त तथा संवेदनशील होता है. अधिकांश रोगियों में ओष्ठ पर सूजन मिलती […]
सेहत की बात : एसिडिटी के कारण और निवारण, जानिए डा. रंजन विशद से..
आयुर्वेद में एसिडिटी को अम्लपित्त कहा गया है क्योंकि इस शब्द में प्रत्यक्ष रूप से पित्त दोष जुड़ा है जिसके बढ़ने से सामान्य भाषा में इसे पित्त बनना भी कहते हैं। आयुर्वेद में दोषों के असंतुलन के कारण रोग उत्पन्न होता है। किसी दोष के अधिक बढ़ने या घटने के कारण दोष असंतुलित अवस्था में […]