नीरज सिसौदिया, बरेली कहते हैं हुनर अमीरी-गरीबी देखकर नहीं आता. बात जब पिता के सपने की हो तो बेटियों से बेहतर उसे कौन समझ सकता है. ये बेटियां ही तो होती हैं जो अपने पिता के सपनों की खातिर अपने सपनों को दिल के किसी कोने में दबा लेती हैं. माहिरा खातून भी एक ऐसी […]