विचार

प्रज्ञा यादव की कविताएं : ‘ट्विंकल की आखिरी आवाज’

माँ बहुत दर्द सह कर बहुत दर्द देकर तुझसे कुछ कह कर मैं जा रही हूँ आज मेरी विदाई पर जब सहेलिया मिलने आयेगी सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख सिसक सिसक कर मर जायेगी लड़की होने का खुद पर वो अफ़सोस जताएगी माँ तू उन्हें इतना कह देना दरिंदो की दुनिया में संभल कर रहना […]

विचार

प्रज्ञा यादव की कविताएं -10, ‘अदब’

किसी ने खूब पूछा कि अदब भी एक कला है। .. सच है पर उसे निभा ले जाने वाला भी बड़ा कलाकार है। ऐसे ही कुछ सवाल …. अदब से झुकना फितरत है हमारी तो बेशक इसे मुकम्मल करते रहें लोग जहाँ में खुदा बने तो बनते रहें हम कौन सी खुदाई साथ ले जायेंगे […]