सियासत अगर विरासत में मिले तो सफलता की गारंटी दोगुनी हो जाती है. खास तौर पर तब जबकि पिता खुद विधायक या सांसद रहे हों मगर एक शख्सियत ऐसी भी है जिसके पिता विधायक थे लेकिन उस शख्स ने राजनीति की जगह कलम को चुना. पिता की विरासत को संभालने की बजाय उसने ताउम्र साहित्य […]
Tag: Sahitya ki baat
साहित्य की बात : युवाओं के लिए प्रेरणा हैं साहित्य के गुरु जितेंद्र कमल आनंद
ख्याति प्राप्त साहित्यकार जितेन्द्र कमल आनंद गुरु जी का जन्म वर्ष अगस्त ,1951 में मोहल्ला भूड़, बरेली में पिताश्री शमशेर बहादुर सक्सेना एवं माताश्री शकुंतला देवी सक्सेना के संभ्रांत परिवार में हुआ। अपनी शिक्षा पूरी करने के उपरांत आप विद्या मंदिर इण्टर कालेज (रामपुर ) से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। आपकी […]
साहित्य की बात : इनकी रचना से हुआ था बरेली दूरदर्शन का शुभारंभ, जेल में करते थे नौकरी पर लिखते थे हास्य व्यंग्य, जानिये साहित्य के इस ‘यमदूत’ की कहानी
वो जेल में नौकरी करते थे पर उनकी रग रग में एक साहित्यकार बसा था. हास्य व्यंग्य की दुनिया में बरेली का नाम रोशन करने वाले इस साहित्यकार को लोग यमदूत के नाम से जानते हैं. राष्ट्रीय मंचों पर अपनी उत्कृष्ट हास्य व्यंग्य की रचनाओं की शानदार प्रस्तुति के लिए प्रख्यात कवि हरीश शर्मा यमदूत […]
साहित्य की बात : कवि और समाजसेवी का संगम हैं ऋषि कुमार शर्मा
जनपद बरेली में रहने वाले कवि एवं समाजसेवी ऋषि कुमार शर्मा लगभग 30 वर्षों से समाज सेवा के क्षेत्र में समर्पित भाव से सक्रिय हैं। समाज सेवा के साथ ही साथ वह साहित्यिक क्षेत्र में भी दखल रखते हैं और लगभग सभी विधाओं में लिखने वाले समर्थ रचनाकार हैं। अंतर्राष्ट्रीय संस्था -लायंस क्लब द डिस्ट्रिक्ट […]