स्थूलस्तोददाहप्रापकी प्रागुक्ताभ्यां तुण्डिकेरी मता तु ! अर्थात कफ और रक्त से उत्पन्न होने वाले मोटे, जलन और पाकयुक्त शोथ को तुण्डिकेरी कहते हैं. गाल और तालुसंधि तथा हनुसन्धि के समीप दोनों पार्श्वों में एक-एक ग्रंथि होती हैं उन्हें टॉन्सिल कहते हैं. यह रोग अधिकांशतया हेमंत और वसंत ऋतु में होता हैं. टॉन्सिलाइटिस या टॉन्सिल गले […]