नैनीताल। कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले यात्रियों को पहली बार पिथौरागढ़ से गुंजित तक हवाई सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। यात्रियों को इस बार सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के जरिए कुंजी पहुंचाया जाएगा। बता दे कि आगामी 12 जून 2018 से यात्रा शुरू होने जा रही है।
विदेश मंत्रालय ने कुमाऊं मंडल विकास निगम को कैलाश मानसरोवर यात्रा का कार्यक्रम तैयार करने का निर्देश दिया था। मंत्रालय के निर्देशों के बाद निगम ने यात्रा कार्यक्रम तैयार करना शुरू कर दिया है। यात्रा के दौरान कुमाऊ से लिपुलेख दर्रे की ओर जाने के लिए धारचूला से आगे पैदल सफर तय करना पड़ता है। इन दिनों यात्रा मार्ग पर गरबा धार से नजर तक की सड़क बदहाल है। यहां सीमा सड़क संगठन रास्ता बनाने में जुटा हुआ है। अगर 12 जून तक स्थिति में कोई सुधार नहीं आता तो कैलाश यात्रियों को हवाई सेवा की सुविधा दी जाएगी।
सूत्रों की माने तो विदेश मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक में विचार के बाद तय किया गया है कि पिथौरागढ़ की नैनी सैनी हवाई पट्टी से यात्री सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टरों से गुरुजी तक जाएंगे। इसके लिए सेना के दो हेलीकॉप्टर लगाए जाने की योजना है।
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