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बोकारो थर्मल पवार प्लांट में मजदूर की मौत, नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर बवाल

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल

बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी पावर प्लांट में गुरुवार को हाइड्रा मशीन से कुचलकर सप्लाई मजदूर की मौत। घटना के लगभग साढे दस बजे की है।

इस संबंध में बताया जाता है कि पूर्वाह्न दस बजे पावर प्लांट में मेसर्स भरत महतो के सप्लाई मजदूर गोबिंदपुर बी पंचायत के जरवाबस्ती निवासी 51 वर्षीय रामेश्वर घांसी प्लांट के चेतना भवन समीप छाई क्लीनिंग का काम कर ट्राली से छाई फेंकने जा रहा था कि इसी दौरान सामने से आ रहे डीवीसी के हाइड्रा मशीन की चपेट में आने से ही घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी। घटना के हाइड्रा मशीन के चालक फरार हो गया। सप्लाई मजदूर की मौत के बाद गुस्साये मजदूरों ने प्लांट में काम बंद कर हंगामा करने लगे। घटना के बाद प्लांट के अधिकारियों ने मजदूरों को समझा बुझा कर शांत कराया। घटना की जानकारी मिलते ही परियोजना प्रधान कमलेश कुमार व मुख्य अभियंता निखिल चैधरी ने आनन-फानन में शव को डीवीसी अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ.बेनी के ने शव की जांच की।

मजदूर की मौत की सूचना पर यूनियन के नेताओं ने डीवीसी अस्पताल पहुंचे और मृतक के परिजनों को अनुकंपा के तहत नौकरी व मुआवजा की मांग को लेकर बवाल मचा दिया। इस दौरान डीवीसी अधिकारियों के साथ कई बार वार्ता हुई, लेकिन वार्ता विफल हो गयी। इधर, सूचना घटना की सूचना मिलने के बाद डुमरी विधायक जगरनाथ महतो पहुंचे और डीवीसी अधिकारियों से बात की, बावजूद किसी प्रकार की बात नहीं बनी। फिलहाल मजदूर का शव अस्पताल के मर्चरी हाउस में रखा पड़ा है।

नौकरी व मुआवजे की मांग को लेकर धरने पर बैठे विधायक
बोकारो थर्मल। डीवीसी पवार प्लांट में कार्यरत सप्लाई मजदूर रामेश्वर घांसी की मौत के बाद मृतक के आश्रित को गु्रप डी में नौकरी व मुआवजा 20 लाख की मांग को लेकर अस्पताल परिसर में विधायक जगरनाथ महतो के नेतृत्व में धरना में बैठ़ गये। इधर, डीवीसी प्रबंधन का कहना है कि आश्रित को प्लांट के वार्षिक रख-रखाव के कामों में नियोजन देने का प्रावधान स्थानीय स्तर पर है। ग्रुप डी में नियोजन देने का अधिकार मुख्यालय स्तर की है।


परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल-सप्लाई मजदूर रामेश्वर घांसी की मौत की सूचना के बाद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के एक पुत्र और एक पुत्री है। घर का अकेला कमाव व्यक्ति था। मजदूर नेताओं का कहना है कि प्रबंधन जब तक मृतक के आश्रित को ग्रुप डी में नौकरी नहीं देगी, तब तक शव को अस्पताल से पोस्टमार्डम के लिए नहीं जाने दिया जायेगा। और धरना आंदोलन के साथ प्लांट का काम बंद कर दिया जायेगा। इससे पहले भी इस हाइड्रा मशीन से दबकर एक मजदूर कुलेश्वर महतो की मौत हो चुकी है। मजदूरों का आरोप है कि प्रबंधन कार, बस व हाइवा चालक से भी हाइड्रा मशीन को दबाव देकर चलाया जाता है। जिसके कारण दुर्घटना घटती रहती है। आज भी कुलेश्वर महतो के परिजन को मुआवजा के सिवाय नियोजन नहीं मिला है। कई बार इस मामले में प्रबंधन से बात की गयी है, लेकिन मुख्यालय स्तर की बात कहकर स्थानीय प्रबंधन अपना पलड़ा झाड़ लेती है। मामला शांत होने के बाद इस मामले में स्थानीय यूनियन के जनप्रतिनिधि भी प्रबंधन की भाषा बोलने लगते है। अस्पताल परिसर में डुमरी विधायक जगरनाथ महतो, जिप सदस्य भरत यादव, प्रमोद कुमार सिंह, दशरथ महतो, जानकी महतो, विधायक प्रतिनिधि टेकलाल चैधरी, श्रवण कुमार सिंह, सदन सिंह, बालेश्वर यादव, गणेश राम, नवीन पाठक, राजेश कुमार सिंह, रीतलाल महतो, झरीलाल हांसदा, चंद्रदेव घांसी, नागेश्वर महतो, गोबिंद राम सहित सैकडों सप्लाई मजदूर व विभिन्न यूनियनों के नेता जमे हुए हैं। वहीं, मोरचे पर डीवीसी के परियोजना प्रधान कमलेश कुमार, डीजीएम मनोज कुमार श्रीवास्तव, वरीय अपर निदेशक पीके सिंह, अपर निदेशक एसके मिश्रा के अलावे कई अन्य अधिकारी भी डटे हुए है। अस्पताल परिसर में बवाल को देखते हुए स्थानीय थाना प्रभारी परमेश्वर लेंयागी, सअनि कमलेश सिंह, सतारी बानरा के अलावे भारी संख्या में सीआईएसएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
परियोजना प्रधान कमलेश कुमार-गुरूवार को प्लांट के अंदर कार्य के दौरान सप्लाई मजदूर की मौत हाइड्रा मशीन की चपेट में आने से हो गयी है। घटना दुखद है। डीवीसी परिवार उनके प्रति संवेदना प्रकट करती हे।

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