जालंधर/उमेश बत्रा
आज वार्ड नंबर 2 में कुछ नीले कार्ड धारको द्वारा फूड इंस्पेक्टर के प्रति गुस्सा जाहिर करते हुए कहा गया कि उन्हें राशन मिलने में भारी दिक्कत का सामना हो रहा है। नीले कार्ड धारक अनीता, बलविंदर कौर, पूजा, शुभम, प्रवेश पटेल, सीमा व सूर्य मिश्रा ने कहा की उनके कार्ड में परिजनों का नाम काट दिया गया है और कुछ नीले कार्ड धारको को यह कह कर गेहूं नहीं दी जा रही कि वह दूसरे इलाके से गेहूं लें, इसके अलावा इसमें से एक पेज भी फाड़ा जा रहा है, यह एक सरकारी कार्ड है इसमें से यह पेज क्यों फाड़ रहे है? इन्होंने कहा कि पहले जिन-जिन के नाम नीले कार्ड में लिखे होते थे उस हिसाब से गेहूं मिलती थी, लेकिन अब नाम काट दिए जा रहे हैं तो उतना ही राशन कम मिल रहा है उसके अलावा पहले काफी समय से कई नीले कार्ड धारकों को जो राशन यहां से ही मिल जाता था उन्हें भी अब कहीं दूर से ले जाने को कहा गया है, यह भी उनके लिए भारी समस्या है। इस बाबत फूड इंस्पेक्टर वंदना ने बताया कि कार्ड के हिसाब से जिन्हें यहां से गेहूं नहीं दी जा सकती उन्हें संबंधित स्पेक्टर का नंबर दिया था और दाना मंडी में 24 नंबर दुकान में जाने के लिए कहा गया था, पहले कहीं का भी कार्ड बोलता था तो स्लिप डिस्ट्रीब्यूशन हो जाती थी, पर अब संबंधित इंस्पेक्टर से कंसर्न करके ही मिलेगी यानी जहां का एलोकेशन है वहीं से मिलेगी, दूसरा नाम काटने कि उन्होंने वजह बताई कि ऑनलाइन में जिनका यूआईडी अपडेट नहीं है उन मेंबर की गेहूं या राशन नहीं मिलेगा अतः उन्हें ऑनलाइन अपडेशन करवानी पड़ेगी।
इलाका वासी सूर्य मिश्रा ने बताया कि अधिकतर नीले कार्ड धारक कम पढ़े लिखे व धीयाड़ीदार हैं, तो वह कहां से ऑनलाइन अपडेशन करवाएंगे व दूर से जाकर किराया व समय लगा कर राशन लेकर आएंगे? अतः प्रशासन को कोई आसान विकल्प ढूंढना चाहिए।