राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बहुप्रतीक्षित वाहन कबाड़ नीति को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इस नीति के मुताबिक 20 वर्ष पुराने कमर्शियल वाहन प्रयोग में नहीं लाया जाए जा सकेंगे। केंद्र सरकार द्वारा यह योजना वर्ष 2020 से अप्रैल माह में शुरू करने की योजना है। अगर यही नीति लागू होती है तो चंपावत जिले के भी ट्रांसपोर्टरों पर इसका असर पड़ेगा। सरकारी आंकड़ों की मानें तो जिले में करीब पांच सौ से भी अधिक ऐसे वाहन हैं जो वर्ष 2020 में अपनी मियाद पूरी कर लेंगे। वर्तमान में लगभग 350 एेसे शक्तिमान सड़कों पर दौड़ रहे हैं जिनकी उम्र 20 वर्ष से अधिक है। काल बनकर दौड़ रहे यह वाहन अक्सर हादसों का सबब बन जाते हैं।
वर्तमान समय में शारदा नदी से खनन में दौड़ रहे 350 शक्तिमान कबाड़ में तोले जाएंगे क्योंकि इस संबंध में केंद्र सरकार ने जो नियम तय किए हैं उसके हिसाब से 20 साल से पुराने कमर्शियल वाहन सड़क पर नहीं चला सकते जबकि खनन में लगे ये शक्तिमान सेना से पहले ही रिजेक्ट किये जा चुके हैं. इस संबंध में एआरटीओ रश्मि भट्ट ने बताया कि इस संबंध में उनके पास फिलहाल कोई आदेश नहीं आया है. यदि आदेश आएगा तो शक्तिमान का फ़िटनेस और रजिस्ट्रेशन करना बंद कर दिया जाएगा.
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