राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेला शुरु हो चुका है। हजारों की संख्या में विभिन्न प्रदेशों से मां पूर्णागिरी के दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ आ रही है। आज से नवरात्रि शुरु हो चुकी है लेकिन जंगली जानवर स्थानीय ग्रामीणों और पूर्णागिरि धाम जाने वाले यात्रियों के लिए खतरे का सबब बन गए हैं। स्थानीय ग्रामीण जहां पहले ही दशक में जिंदगी गुजारने को मजबूर थे वही अब पूर्णागिरि जातियों की चांद पर भी खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। शनिवार और रविवार की मध्यरात्रि हाथियों ने एक स्कूल पर हमला कर दिया। हाथियों ने स्कूल की दीवार तोड़ डाली। किसी तरह से स्थानीय लोगों ने उन्हें भगाया।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार की रात कुछ हाथियों का झुंड गैंडा खाली स्कूल इंटर कॉलेज की दीवार तोड़कर अंदर जा घुसा। हाथियों ने रातभर स्कूल परिसर में उत्पात मचाया। इससे आसपास के लोगों में दहशत का माहौल था। लेकिन वन विभाग की ओर से इस दिशा में कोई भी प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। जिससे दिन-ब-दिन आम आदमियों की सुरक्षा के साथ ही पूर्णागिरि जाने वाले भक्तों कि जान भी खतरे में पड़ गई है। बता दें कि मां पूर्णागिरि धाम जाने का रास्ता गैंडाखाली से होकर ही जाता है। पिछले काफी समय से ककराली गेट, गैंडाखाली, बूम और अन्य इलाकों में जंगली जानवर आतंक मचा रहे हैं। स्कूल के बड़े बाबू गणेश जोशी ने बताया कि हर साल हाथी यहां आकर तोड़फोड़ करते हैं लेकिन वन विभाग कुछ नहीं करता।