झारखण्ड

खोरठा माय माटी उलगुलान की गोष्ठी

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रामचंद्र कुमार अंजाना,  बोकारो थर्मल
नावाडीह प्रखंड स्थित बिनोद बिहारी महतो स्मारक उच्च विद्यालय नावाडीह में एक खोरठा भाषा के गोष्ठी का आयोजन किया गया ।


जिसकी अध्यक्षता रामशरण विश्वकर्मा खोरठा हास्य व्यंग्य कवि व संचालन संदीप कुमार महतो जी युवा साहित्यकार के द्वारा किया गया ।गोष्ठी मे- खोरठा भाषा के विकास के ऊपर विचार विमर्श युवा वर्ग द्वारा आगे बढाने हेतु मार्गदर्शन पर चर्चा की.
मगही, मैथली, अंगिका और भोजपुरी के द्वितीय राजभाषा में मान्यता दिये जाने का विरोध किया गया खोरठा कविसुकुमार नेकहा कि बाहरी भाषाओ को द्वितीय राजभाषा बनाना दुर्भाग्यपुर्ण है
खोरठा के क्षेत्रीय विस्तार पर रचनात्मक ,नयें लेखक, कवि, रचनाकार, को खोरठा भाषा को जन जन तकपहुचाने का निर्णय लिया गया उच्च विद्यालय के नवम् एंव दशम् कक्षा में अनिवार्य रूप से खोरठा भाषा की पढ़ाई करने की मॉग किया गया। गोष्ठी में खोरठा साहित्यकार डा0 – नागेश्वर महतो, प्यारे हुसैन, प्यारे, श्याम सुंदर केवट, रवि, बासु बिहारी, शिरोमणि महतो, सुकुमार, प्रो दिनेश कुमार दिनमणी, श्याम सुंदर महतो श्याम, गिरिधारी गोस्वामी, आकाश खूंटी और रामशरण विश्वकर्मा ने विचारद्य व्यक्त किया। गोष्ठी को सफल बनाने खोरठा माय माटी (उल्लगुलान) मंच के संस्थापक तारकेश्वर महतो, गरीब, समिति सदस्य, साहित्यकार , भाषा प्रेमी आर खोरठा भाषी लुकेश्वर साहु, उमेश उजागर, मोतीलाल कुम्हार, मनु राम महतो, कुमार मोतिक, कमल प्रसाद महतो, प्रदीप कुमार, दिनेश कुमार, शंकर महतो और बहुत सारे माननीय भाषा संस्कृति प्रेमी मौजूद थे ।

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