झारखण्ड

कोनार नदी में जहर घोल रहा बोकारो थर्मल के बड़े नाले का सीवरेज

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार ‘अंजाना‘
बोकारो थर्मल में डीवीसी की कॉलोनियों सहित निजी कॉलोनी, अंबेडकर नगर, राजा बाजार के सैकड़ों घरों से निकलने वाले गंदे पानी, सीवरेज एवं मल से कोनार नदी लगातार जहरीली होती जा रही है। इस संबंध में भाकपा नेता ब्रजकिशोर सिंह, दामोदर बचाओ अभियान के संयोजक गुलाबचंद्र, दामोदार बचाओ आंदोलन के जिला संयोजक श्रवण सिंह ने कहा कि डीवीसी के स्थानीय कॉलोनी के आवासों का गंदा पानी राजा बाजार एवं अंबेडकर नगर के बीच से गुजरने वाले बड़े नाले से होकर बहता है। इसके दोनों किनारे पर अंबेडकर नगर एवं राजा बाजार के सैकड़ों घर बसे का हैं। निर्माण के बाद सभी घरों का मल-मूत्र सीधे नाले में बहाया जा रहा है। नाला आगे जाकर श्मसान घाट में कोनार नदी में प्रवाहित होकर नदी के जल को प्रदूषित कर रहा है।

इंटेक से सप्लाई हो रहा पीने का पानी

कोनार नदी में जिस स्थान पर बोकारो थर्मल की आवासीय एवं निजी कॉलोनी का गंदा पानी एवं सिवरेज प्रवाहित हो रहा है उससे महज चंद मीटर पर डीवीसी का इंटेक है जहां से आवासीय कॉलोनी में पीने का पानी सप्लाई किया जाता है। कॉलानीवासी उसी प्रदूषित पानी का सेवन करने को विवश हैं।

नहीं है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

बोकारो थर्मल में डीवीसी का अपना कोई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट नहीं होने के कारण कॉलोनी का सारा सिवरेज नदी में जाता है। वर्ष 2005 में डीवीसी द्वारा एसटीपी निर्माण को लेकर मेकॉन कंपनी से सर्वे कराया गया, जिस पर लगभग बीस लाख रुपये खर्च हुए थे। कंपनी ने एसटीपी निर्माण पर लगभग बीस करोड़ रुपये का बजट डीवीसी को दिया परंतु फंड की कमी एवं डीवीसी की खराब वित्तीय स्थिति के कारण निर्माण कार्य आरंभ नहीं करवाया जा सका।

तीन वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दिया था निर्देश

झारखंड के मंत्री तथा दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष सरयू राय की पहल पर मई 2015 में केंद्रीय कोयला एवं ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में दिल्ली में डीवीसी एवं कोल इंडिया के अध्यक्षों के साथ दामोदर एवं उसकी सहायक नदियों को प्रदूषण मुक्त करने तथा नदियों में जा रहे सिवरेज पर रोक लगाने को लेकर बैठक की गयी थी। बैठक में केंद्रीय मंत्री ने डीवीसी अध्यक्ष को तीन माह में नदी में जा रहे सीवरेज पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। मंत्री के आदेश के दो वर्ष बाद भी इस पर अमल नहीं किया जा सका है।

सर्वोच्च न्यायालय के भी हैं कड़े निर्देश

नदियों में सीवरेज बहाने को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने भी कड़े निर्देश राज्य के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को दे रखा है।

बोकारो थर्मल के वरीय अपर निदेशक पीके सिंह का इस संबंध में कहना है कि बोकारो थर्मल में नदी में सिवरेज रोकने तथा एसटीपी निर्माण को लेकर डीवीसी मुख्यालय काफी गंभीर है। मुख्यालय के द्वारा इसके निर्माण को लेकर मेकॉन कंपनी से पुनः रिपोर्ट मांगी गयी है। जल्द ही इस दिशा में कार्य आरंभ हो जाएगा। इस मामले में सीसीएल प्रबंधन को भी जोड़ना है।

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