बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना
जावा करम परब आयोजक समिति के बैनर तले प्रकृति पर्व करमा को लेकर विधुत नगरी स्थित डिग्री कॉलेज मैदान में पहली बार ऐतिहासिक करम महोत्सव का आयोजन किया गया। करम महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन सबसे पहले विधि विधान करम गोसाईं का पूजन कर किया गया। इस दौरान मांदर की थाप पर लोग जमकर थिरके। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बेरमो प्रमुख गिरीजा देवी, एटक नेता लखनलाल महतो व डीवीसी अधिकारी एके तिवारी, भाकपा के गणेश प्रसाद महतो, खिरोधर महतो, मुखिया बीएन महतो, पंस सदस्या अनीता देवी, डुमरी विधायक प्रतिनिधि टेकलाल चौधरी समेत अन्य मौजूद थे।
अतिथियों ने इस तरह के आयोजन की सराहना की। कहा कि झारखंड की संस्कृति पर आधारित पर्व को लेकर आपसी सौहार्द बनाये रखने की जरूरत है। झारखंड की संस्कृति पर आधारित करम महोत्सव का आयोजन पहली बार किया गया है। झारखंड की संस्कृति और अपने पर्व को बचाए रखने की जरूरत है। करम महोत्सव पर झूमर का भी आयोजन किया गया। इसमें विधुत नगरी के लोग मांदर की थाप पर नाचते देखे गये। विधुत नगरी में यह पहला आयोजन किया गया। करमा परब को लेकर विधुत नगरी के आसपास के किशोरियां और महिलाऐं करम महोत्सव पर आधारित गीत पर लोग थिरके। करम महोत्सव पर पूरे विधि विधान के साथ करम डाल स्थापित कर लोग चारों तरफ नाचते-गाते देखे गये। इस दौरान कोयलांचल के अलग-अलग जगहों आए झुमर टीमों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोन किया। करम महोत्सव में बेहतर प्रदर्शन करने वाली झुमर टीमों को सम्मानित किया गया।
चिलचिलाती धुप में करम महोत्सव: करम महोत्सव को देखने के लिए बड़ी संख्या में महिला-पुरुष व अन्य लोग जुटे थे। भादो मास के चिलचिलाती धुप के बावजूद भी करम महोत्सव से जुड़े आयोजकों का उत्साह देखने लायक था। कड़ी धुप में भी आयोजक टीम करमा आधारित गीतों पर जमकर थिरकी।
महोत्सव में ये शामिल थे: महोत्सव में डॉ. दशरथ महतो, योगेंद्र कुमार रंजन, योद्वा महतो, राजाराम महतो, चित्रकार भोला कुमार महतो, सुनील कुमार महतो, भानु प्रताप चौधरी, नागेश्वर महतो, केदार महतो, रीतलाल महतो, जया लक्ष्मी, रीता देवी, गीता देवी, सावित्री देवी, रेशमा भारती, लीलावती देवी, धानेश्वरी देवी, गंगिया देवी सहित हजारों लोग शामिल थे।