शाहजहांपुर। बेटियों की सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री योगी सरकार की मुश्किलें थमती नजर नहीं आ रही हैं। भाजपा विधायक के भाई पर इस गैंग रेप के आरोप का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि एक नए मामले में सरकार की फजीहत करवा दी है। यह मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से जुड़ा है। इंडियन विभाग की ओर से शाहजहांपुर पुलिस को एक पत्र लिखकर चिन्मयानंद पर दर्ज दुष्कर्म का मामला वापस लेने को कहा गया है। पीड़िता ने इस पर आपत्ति जताते हुए राष्ट्रपति से न्याय की गुहार लगाई है।
जानकारी के मुताबिक, 30 नवंबर 2011 को शाहजहांपुर शहर कोतवाली में अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ एक महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग की ओर से शहर कोतवाली को एक पत्र लिखकर मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया गया है। अपर जिलाधिकारी सर्वेश दीक्षित ने इसकी पुष्टि की है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने पुराने मामले वापस लेने की बात कही है लेकिन वास्तव में इसे वापस लिया जाएगा या नहीं इसका फैसला अदालत ही करेगी। अभियोजन अधिकारी विनोद सिंह ने आदेश मिलते ही किस बात से की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
वहीं, सरकार के इस फरमान पर पीड़िता ने आपत्ति जताई है। पिता ने कहा कि वह कोर्ट से गुहार लगा रही थी कि स्वामी चिन्मयानंद के गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाएं। सरकार को अदालत के निर्णय की प्रतीक्षा करनी चाहिए थी। पीड़िता ने कहा कि चुनाव के समय भाजपा ने नारा दिया था कि बेटियों के सम्मान में, भाजपा मैदान में। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं क्या इसी तरह से पीटने को सम्मान दिया जाएगा। पीड़िता ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।
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