राजेंद्र भंडारी, टनकपुर
टनकपुर तहसील क्षेत्र के गांव के किसानों पर इन दिनों दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ इंद्र देवता कहर बरपा रहे हैं तो दूसरी तरफ जंगली हाथियों का झुंड उनकी फसलें बर्बाद कर रहा है। वहीं, वन विभाग के आला अधिकारी समस्या का समाधान निकालने के बजाय चैन की नींद सो रहे हैं।
बता दें कि आधी अधूरी तैयारी के साथ बनाया गया नंधौर अभ्यारण्य आम जनता के लिए मुसीबत बन गया है। अभ्यारण्य में सेफ्टी वॉल नहीं होने के कारण जंगली जानवर आए दिन आसपास के ग्रामीण इलाकों में कहर बरपा रहे हैं। मकानों की दीवार तोड़ रहे हैं. इन जंगली जानवरों पर अंकुश लगाने में वन विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है।
मंगलवार रात को हाथियों के झुंड ने आमबाग, ककराली गेट और बस्तिया गांव में पूरी रात जमकर उत्पात मचाया। हाथियों ने जहां फलदार पेड़ तोड़ दिए वहीं ग्रामीण किसानों की फसल भी तहस-नहस कर दी। इससे किसानों को हजारों रुपए का नुकसान हुआ है। किसानों का आरोप है कि शिकायत करने के बावजूद वन विभाग इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है। उनका कहना है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस समस्या से निजात नहीं दिला रहे हैं।
किसानों का कहना है कि एक तरफ हाथी और जंगली जानवर तो परेशान कर ही रहे थे साथ में मौसम खराब होने से उनकी गेहूं की फसल भी बर्बाद हो रही है। अधिकतर किसानों की फसल खेत में पड़ी है लेकिन बारिश के कारण उसकी मढ़ाई नहीं हो पा रही है। उन्होंने जिला प्रशासन, स्थानीय विधायक कैलाश गहतोड़ी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से वन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देने और जंगली जानवरों के आतंक से निजात दिलाने व बर्बाद फसल का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इस समस्या से उन्हें निजात नहीं दिलाई गई तो आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।