नरेश गर्ग, लाडवा
लाडवा की विस्तार अनाज मंडी में सरकारी गेहूं की सही प्रकार से उठाने होने को लेकर मंडी के आढ़तियों व किसानों में सरकार व प्रसासन के प्रति रोष पनप गया है। गुरुवार को विस्तार मंडी के आढ़तियों व किसानों ने एक प्रदर्शन भी किया।
आढ़तियों व किसानों ने मांग करते हुए कहा कि यदि पढऩे अपने माल उठाने के काम में तेजी नहीं लाई तो लाडवा अनाजमंडी में पूरी तरह से गेहूं की भरमार हो जाएगी और जिसके कारण आने वाले दिनों में मंडी के आढ़तियों व कसानों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। वहीं खराब मौसम को देखते हुए किसानों को भी अब चिंता सताने लगी है कि लाडवा अनाजमंडी में माल का उठान न होने के कारण उनकी गेहूं ट्रालियों के अंदर ही खुले आसमान के नीचे पड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यदि हल्की सी भी बरसात आ गई तो उनकी मेहनत पर पानी फिर सकता है। उन्होंने अनाजमंडी के ठेकेदारों को मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द मंडी से गेंहू को उठाने का काम शुरू करें ताकि किसी को भी कोई परेशानी ना हो सकेें। वहीं जब लाडवा अनाजमंडी के प्रधान बिमलेश गर्ग से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि उठान को लेकर इस समय अनाजमंडी में हैफेड की ओर से दिक्कत आ रही है। वहीं खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से सुचारु रुप से काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार की लापरवाही के कारण मंडी में गेहूं का जाम लगना शुरू हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारियों को चट्टा लगवाने के लिए 2 रूपए प्रति घंटे के हिसाब से मजदूरी भी देनी पड़ रही है। जो कि 1 क्विंटल के पीछे 4 रूपए पड़ रही है। जोकि व्यापारी का अपना नुकसान है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द गेंहू के उठान में तेजी लाएं। वरना आने वाले एक-दो दिनों में मंडी में पांव रखने की भी जगह नहीं बचेगी। वहीं व्यपारियो ने यह भी आरोप लगाया की विस्तार मंडी कोई भी अधिकारी या सरकार का नुमाईंदा सूद लेने के लिए नहीं आते है। उन्होंने कहा कि क्या हम व्यापारी मार्किट कमेटी को फीस नहीं देते या मंडी के व्यापारी नहीं। जो ये सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
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