नई दिल्ली। बच्चियों से रेप पर फांसी की सजा वाले अध्यादेश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मुहर लगा दी है। राष्ट्रपति की मुहर के बाद पोक्सो एक्ट में संशोधन को संवैधानिक तौर पर मंजूरी मिल गई है। इस अध्यादेश को शनिवार को मोदी कैबिनेट में पास किया था।
बता दे कि कठुआ में हुए गैंगरेप और उन्नाव गैंगरेप कांड के बाद से पूरे देश में आक्रोश फैल गया था और बलात्कारियों को फांसी की सजा देने की मांग उठ रही थी। इसे लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने आमरण अनशन भी शुरू कर दिया था। चौतरफा विरोध के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कैबिनेट की एक अर्जेंट मीटिंग बुलाई और उसमें अध्यादेश को पारित किया। कैबिनेट से पास होने के बाद यह संशोधन विधेयक राष्ट्रपति के पास पहुंचा और रविवार को राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी। संशोधन विधेयक के अनुसार 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप करने वाले को फांसी की सजा दी जाएगी। साथ ही 16 साल से कम उम्र और 12 साल से अधिक उम्र की किशोरियों के साथ रेप करने वाले को न्यूनतम 20 वर्ष कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
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