जालंधर। कांग्रेस नेता बावा हेनरी के जालंधर नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र का विधायक बनने के बाद इलाके की दशा और भी बदतर हो चुकी है। उनके इलाके के लोगों की फरियाद न तो नगर निगम के मेयर जगदीश राज राजा और अन्य अफसर सुनते हैं और ना ही विधायक बावा हेनरी इसे गंभीरता से लेते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी सफाई व्यवस्था को लेकर झेलनी पड़ रही है। ताजा उदाहरण बेअंत सिंह पार्क की सफाई व्यवस्था को लेकर है। लगभग 1 सप्ताह से एक 16 साल का बच्चा मेयर जगदीश राज राजा से पार्क की सफाई करने की गुहार लगा रहा था। पार्क में कई टन गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जब सुशील तिवारी ने राजा से इसकी सफाई कराने को कहा तो राजा ने कहा कि वह विधायक बावा हेनरी की परमिशन के बिना मौके पर नहीं आएंगे। इसके बाद सुशील तिवारी ने विधायक हेनरी को फोन कर यह बात बताई। हेनरी ने कहा कि वह राजा को फोन कर देंगे और परेशानी दूर हो जाएगी।
लगभग 1 सप्ताह तक भी जब सुशील तिवारी की फरियाद पर कोई कार्यवाही नहीं हुई तू आगे आकर सुशील तिवारी युवा राष्ट्र निर्माण वाहिनी के कुछ सदस्यों को साथ लेकर खुद ही रेहड़ी घसीटते हुए बेअंत सिंह पार्क जा पहुंचे। बेलचा और तसला लेकर तिवारी ने खुद ही कूड़ा उठाना शुरू कर दिया। नन्हें हाथों से जितना बन सका तिवारी ने कूड़ा साफ किया लेकिन इस कूड़े को डंप तक पहुंचाने के लिए भी नगर निगम की ओर से तिवारी को कोई मदद नहीं दी गई। तिवारी ने कहा कि मुझसे जितना बन पड़ा मैंने पार्क की सफाई की है और आगे भी जिस तरह जब-जब समय मिलेगा मैं पार्क की सफाई करता रहूंगा। तिवारी ने बताया कि मैं दसवीं कक्षा में पढ़ता हूं, दिन भर स्कूल में रहना पड़ता है और फिर ट्यूशन पढ़ने जाता हूं। इसके बाद जो भी समय बचता है वह साफ सफाई में या समाज सेवा के काम में लगाता हूं। उन्होंने कहा कि मेयर जगदीश राजा से मैंने कई बार विनती की लेकिन वह पार्क की सफाई कराने को तैयार ही नहीं हुए तो मजबूर होकर मुझे खुद ही सफाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से उन्हें कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई थी इसलिए खुद ही वह रेहड़ी घसीटते हुए भगत सिंह कॉलोनी स्थित डंप पर ले गए और वहां पर कचरा फेंका।
उन्होंने कहा कि नगर निगम साफ सफाई करने को तैयार नहीं है। इलायची की हालत बद से बदतर होती जा रही है लेकिन जनप्रतिनिधि सुनने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस ने अब यह संदेश दे दिया है कि हम सफाई नहीं करवाएंगे और ना ही करेंगे जिसको सफाई करवानी हो वह खुद आकर करे यह बात मेरी समझ में आ गई है इसलिए मैंने अब किसी से सफाई के लिए कहना ही छोड़ दिया है. मेयर से बढ़कर शहर का कोई भी नुमाइंदा नहीं होता जब मेयर ही सफाई करवाने को तैयार नहीं तो फिर किसके आगे रोना रोएं। अब मुझसे जितना बन पड़ेगा उतनी सफाई करूंगा।
बता दें कि स्थानीय जनप्रतिनिधि पहले भी साफ-सफाई से कन्नी काटते रहे हैं। यही वजह है कि DAV के बाहर जब डंप की सफाई नहीं की जा रही थी तो पूर्व विधायक केडी भंडारी ने अपने निजी कार्यकर्ताओं को लगाकर न सिर्फ दम को वहां से हटवाया बल्कि वहां एक सुंदर पार्क भी डेवलप कर दिया था। सफाई के प्रति विधायक कि यह अनदेखी आने वाले समय में कांग्रेस के गले की फांस बन सकती है।