झारखण्ड

डीवीसी चेयरमैन ने डिप्टी चीफ सहित सिविल के पांच इंजीनियरों को किया निलंबित

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बोकारो थर्मल, रामचंद्र कुमार अंजाना 

पब्लिक सेक्टर के संस्थान डीवीसी के मेंबर सचिव सह चेयरमैन पीके मुखोपाध्याय ने डीवीसी में भ्रटाचार पर काफी तल्ख तेवर दिखाते हुए मैथन में डिप्टी चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक के पांच इंजीनियरों को निलंबति कर दिया है.डीवीसी चेयरमैन के द्वारा सिविल के चार तथा ईडी एचआर प्रभात किरण के द्वारा एक कुल पांच पर निलंबन की कार्रवाई 3 मई को की है.

डीवीसी के मेंबर सचिव सह चेयरमैन पीके मुखोपाध्याय के पत्रांक-39/2018 के तहत मैथन सिविल के डिप्टी चीफ इंजीनियर रविंद्र कुमार,पत्रांक-40/2018 के तहत वरीय मंडल अभियंता जयंत विश्वास,पत्रांक-41/2018 के तहत कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार,पत्रांक-42/2018 के तहत सहायक अभियंता धनंजय राय को तथा ईडी एचआर प्रभात किरण के पत्रांक-43/2018 के तहत जूनियर इंजीनियर एस मैती को निलंबित कर दिया गया है.निलंबन की अवधि के दौरान उनका मुख्यालय मैथन रहेगा तथा किसी भी प्रकार का अवकाश डीवीसी मुख्यालय कोलकाता से ही निर्गत किया जा सकेगा.निलंबन के दौरान सभी इंजीनियरों को प्रत्येक माह एक सर्टिफिकेट देना होगा कि वे अन्यत्र नौकरी या बिजनेस नहीं कर रहे हैं.सभी इंजीनियरों को डीवीसी के सर्विस रेगुलेशन एंड सीसीएस रुल्स 95 ए के तहत निलंबित किया गया है.

क्या था मामला

डीवीसी मैथन स्थित हाईडल के समीप वर्ल्ड बैंक के फंड से हयूम पाईप कल्वर्ट के निर्माण का कार्य किया गया था.उक्त कार्य में काफी अनियमितता बरती गयी थी जिसके कारण मार्च 2018 में हुई हल्की र्वा से कल्वर्ट,बैराज एवं लिंक रोड पानी के साथ बह गये थे.

जांच कमेटी गठित

इस संबंध में डीवीसी मुख्यालय के आधिकारिक सूत्रों का कहना था कि र्वा में कल्वर्ट बहने के बाद डीवीसी सिविल के उक्त अधिकारियों एवं संवेदक ने मामले में लीपापोती की.मामले में डीवीसी के सीवीओ डीके वर्मा ने एक तीन सदस्यों वाली जांच कमिटी गठित की.जांच कमिटी में डीवीसी मुख्यालय विजलेंस के डीजीएम अरणव खेटो,अपर निदेशक पीके झा,वरीय प्रबंधक पल्लव मल्लिक को रखा गया.जांच कमिटी ने विगत् 27 मार्च को मैथन जाकर मामले की जांच की.कमिटी ने अपनी जांच रिपोर्ट विगत् 27 अपै्रल को डीवीसी के सीवीओ को सौंपा.सूत्र बताते हैं कि रिपोर्ट में सिविल के सभी पांचों इंजीनियरो को मामले में अनियमितता बरतने,लीपापोती करने का दोषी पाया गया था.सीवीओ ने रिपोर्ट कार्रवाई के लिए डीवीसी के मेंबर सचिव सह चेयरमैन को सुपुर्द किया.रिपोर्ट के आधार पर चेयरमैन एवं ईडी एचआर ने पांचों को 3 मई को निलंबित कर दिया.

डीवीसी में पहली बार पांच इंजीनियरों पर हुई कार्रवाई

डीवीसी के इतिहास में पहली बार एक साथ डिप्टी चीफ से लेकर जूनियर इंजीनियर पर भ्रटाचार मामले में कार्रवाई की गयी है.डीवीसी मुख्यालय द्वारा की गयी कार्रवाई से निगम के अधिकारियों एवं इंजीनियरों में हड़कंप व्याप्त है.

चेयरमैन की कार्रवाई स्वागत योग्य कदम

ऑल इंडिया स्टूडेंटस फेडरेशन के राट्रीय अध्यक्ष आफताब आलम,डीवीसी यूसीडब्ल्यूयू के अध्यक्ष ब्रजकिशोर सिंह ने डीवीसी में भ्रटाचार पर चेयरमैन द्वारा पांच इंजीनियरों पर की गयी कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि भ्रटाचार के कारण डीवीसी की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी है परंतु अधिकारी एवं इंजीनियर अपनी करतूतों से बाज नहीं आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि डीवीसी को बचाने के लिए वर्तमान चेयरमैन द्वारा भ्रटाचार पर उठाया गया कदम सराहनीय है.

डीवीसी को भ्रटाचार मुक्त संस्थान बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित-डीवीसी के चेयरमैन पीके मुखोपाध्याय ने कोलकाता से बताया कि डीवीसी में कोई भी अधिकारी,कर्मचारी एवं ठीकेदार भ्रटाचार में संलिप्त पाया गया तो उस पर यथाशीघ्र कड़ी कार्रवाई की जाएगी जैसा की मैथन में किया गया है.उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य डीवीसी को दुरुस्त कर इसे एक लाभप्रद संस्था के रुप में खड़ा करना है.15 तिमाहियों के बाद चौथी तिमाही में लाभ अर्जित किया है.कहा कि डीवीसी को लाभप्रद संस्था के साथ-साथ भ्रटाचार मुक्त संस्था बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है.उन्होंने डीवीसी को भ्रटाचार मुक्त बनाने में चीफ विजलेंश ऑफिसर डीके वर्मा सहित डीवीसी प्रबंधन एवं पूरी टीम को बधाई दी है.

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