कुरुक्षेत्र (ओहरी )
उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने कहा कि कुरुक्षेत्र के गिरते भूजल स्तर को रोकने के लिए टपका और फव्वारा सिंचाई प्रणाली को अपनाना होगा। इस प्रणाली को अपनाकर कुरुक्षेत्र को डार्क जोन जैसी गम्भीर समस्या से उभारा जा सकता है। इस अहम कार्य को शाहबाद के गांव डाडलू के प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह कर रहे है। इस प्रगतिशील किसान से प्रेरणा लेकर कुरुक्षेत्र ही नहीं हरियाणा के तमाम किसानों को पानी बचाने के लिए टपका सिंचाई के साथ-साथ परम्परागत खेती छोडकर आधुनिक खेती को अपनाना होगा। इस पर अमल करके किसान जहां अपनी आय में लागत से कई गुना अधिक मुनाफा कमा सकेंगे, वहीं बेशकीमती पानी को भी भावी पीढ़ी के लिए बचा सकेंगे।
वे शुक्रवार को गांव डाडलू में प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह के फार्म हाउस का अवलोकन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले उपायुक्त डा. एसएस फुलिया ने प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह के फार्म हाउस में अपनाई गई टपका व फव्वारा सिंचाई प्रणाली का बारीकि से अवलोकन किया और इस दौरान प्रगतिशील किसान हरबीर द्वारा लगाई गई पपीता व अन्य सब्जियों की पौध को भी देखा तथा प्रगतिशील किसान हरबीर ने उपायुक्त को फार्म हाउस के बारे में बारीकि से जानकारी उपलब्ध करवाई। उपायुक्त ने प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह की पीठ थपथपाते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र का भूजल स्तर काफी नीचे गिर गया है जिसके कारण कुरुक्षेत्र को डार्क जोन घोषित कर दिया गया है। अगर इसी रफ्तार से भूजल स्तर नीचे गिरता रहा तो आने वाले समय में गम्भीर संकट पैदा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसान इस समय 20 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे है और किसानों को नई तकनीकी के प्रति जागरुक करने का काम कर रहे है। इस फार्म हाउस पर फसल के लिए यूरिया और कीटनाशक दवाईयों का प्रयोग न करके जैविक खेती को अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज लोगों को अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए जैविक खेती को ही अपनाना चाहिए। प्रगतिशील किसान हरबीर सिंह ने कहा कि सभी किसानों को टपका और फव्वारा सिंचाई प्रणाली को अपनाना चाहिए ताकि जल जैसी अनमोल चीज को बचाने के साथ-साथ लागत से अधिक मुनाफा कमाया जा सके।