पंजाब

प्रदीप राय बोले- सरकारी काम में बाधा डालने वाले विधायक रिंकू पर हो कानूनी कार्रवाई, पार्टी बाजी से ऊपर उठकर किया भाजपाई नेताओं का समर्थन

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
विपक्ष में पार्षद रहते हुए अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले पूर्व कांग्रेस पार्षद डॉ. प्रदीप राय ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के अवैध कॉलोनियों की और अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ लिए गए स्टैंड का खुलकर समर्थन करते हुए निगम की कार्रवाई में बाधा डालने वाले कांग्रेस विधायक सुशील कुमार रिंकू और उनके समर्थकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है|
प्रदीप राय ने कहा कि कानून हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है फिर चाहे वह विधायक हो या मंत्री| उन्होंने पार्टी बाजी से ऊपर उठकर भाजपा नेताओं का भी समर्थन किया है जो सुशील रिंकू के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं|
बता दें कि भाजपा नेता शीतल अंगुराल, अमित तनेजा मैं सबसे पहले रिंकू के खिलाफ मोर्चा खोला था और बाद में उन्हें राजीव ढींगरा अमित संघा समेत कई भाजपा नेताओं का साथ भी मिला| इन नेताओं ने मांग की है कि या तो नगर निगम की डिच पर खड़े होकर सरकारी काम में बाधा डालने वाले विधायक सुशील रिंकू और उनके समर्थकों के खिलाफ FIR दर्ज की जाए या फिर पूरे पंजाब में सरकारी काम में बाधा डालने के सभी दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं|
डॉ. प्रदीप राय ने कहा कि एक तरफ तो कांग्रेस के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू प्रदेश की व्यवस्था और नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने के अभियान में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक सुशील कुमार रिंकू अपनी ही सरकार के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान को पलीता लगा कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हैं| अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई करने गई डिच के ऊपर खड़े होकर सुशील कुमार रिंकू ने सारी मर्यादाएं तार-तार कर दी हैं. अपने चहेतों के गलत कामों को संरक्षण देकर सुशील कुमार रिंकू ने कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को ही खेल दिखा दिया है| डॉक्टर प्रदीप राय ने कहा कि सुशील रिंकू को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक गरिमामय पद पर आसीन हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी की भी प्रतिनिधि हैं| सुशील रिंकू के इस कदम से उनकी मंशा जगजाहिर हो गई है| ऐसे में नैतिकता के आधार पर सुशील कुमार रिंकू को खुद ही इस्तीफा दे देना चाहिए| उनके कंधों पर कानून की रक्षा की जिम्मेदारी है लेकिन वह खुद ही कानून की धज्जियां उड़ाने में लगे हुए हैं| सुशील रिंकू ने गैरकानूनी कदम उठाते हुए इस संवैधानिक पद को कलंकित कर दिया है| अगर यह विरोध जनता के हित के लिए होता तो हम रिंकू का समर्थन करते लेकिन रिंकू का ये विरोध उन कॉलोनाइजरों और बिल्डरों के लिए है जो वर्षों से सरकारी खजाने को चूना लगा रहे हैं और काले धन का इस्तेमाल अपने अवैध कामों के लिए कर रहे हैं| ऐसे में अगर भारतीय जनता पार्टी के नेता शीतल अनुराग प्राचीन ठीकरा अमित तनेजा और अन्य ने सुशील रिंकू के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है तो यह गलत नहीं है| सरकारी काम में बाधा पहुंचाने का हक किसी को नहीं है फिर चाहे वह विधायक हो या कोई और| अगर सुशील कुमार रिंकू और उनके समर्थकों के खिलाफ FIR दर्ज नहीं होती है तो जनता में भी गलत संदेश जाएगा और आने वाले समय में हर विधायक गैरकानूनी कामों को संरक्षण दिया और अपना स्वार्थ साधेगा| फिर किसी को कानून का कोई भय नहीं रह जाएगा| इसलिए सुशील रिंकू के खिलाफ निश्चित तौर पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए|

बता दें कि प्रदीप राय वही नेता हैं जिन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी गुरुनानक कॉलोनी और ऩ्यू गुरुनानक कॉलोनी में हरपिंदर बिल्डर की ओर से बनाये गये लगभग 180 अवैध मकानों के खिलाफ मोर्चा खोला था और बाद में बिल्डर ने एक प्रेस कांफ़्रेंस कर प्रदीप राय से माफी भी मांगी थी.

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