नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर शहर का सबसे पॉश इलाका है मॉडल टाउन टाउन. यहां खरीदारी करने वाले लगभग नब्बे फीसदी लोग या तो करोड़ पति परिवार से ताल्लुक़ रखते हैं या फिर अरबपति घराने से. लेकिन अगर आप मॉडल टाउन की सड़कों के किनारे सिर पर टोपी, पैरों में स्पोर्ट्स शूज और तन पर सादा सलवार सूट पहने अधेड़ उम्र की महिला को चंद सफाई मजदूरों को निर्देश देते हुए देखें तो उसे नगर निगम का कर्मचारी या सुपरवाइज़र न समझें. जी हां मॉडल टाउन की गंदगी को साफ करवाती यह लगभग पांच फुट एक इंच की महिला करोड़ों की मालकिन और मॉडल टाउन के एक आलीशान घर में रहने वाली अरूणा अरोड़ा है. उनके तन पर न तो महंगे गहनों की साज सज्जा नजर आएगी और न ही चेहरे पर मेकअप की लीपा पोती. सादगी ही उसका गहना है और व्यवहार ही उसका मेकअप. उसे न तो किट्टी पार्टियों का शौक है और न ही आरामतलबी उसे रास आती है. अरूणा अरोड़ा लगभग तीन बार से लगातार पार्षद का चुनाव जीतती आ रही हैं. उनके पति मनोज अरोड़ा की गिनती जालंधर ही नहीं बल्कि पंजाब के बड़े नेताओं में होती है. अरूड़ा अरोड़ा सियासत में आने वाली उन महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं जो सियासत में पद तो हासिल कर लेती हैं लेकिन पति के हाथों की कठपुतली मात्र बनकर रह जाती हैं. पूरा शहर इन दिनों कोरोना को लेकर सियासी रंग में रंगा हुआ है. सियासतदान शोर तो बहुत मचा रहे हैं लेकिन काम नहीं करा रहे. अरूणा का मिजाज इन सबसे काफी जुदा है. अरूणा अपनी धुन की पक्की हैं. मॉडल टाउन हो या वार्ड का कोई और इलाका, अरूणा रोजाना एक-एक इलाके की सफाई करवाने खुद निगम कर्मियों के साथ निकल पड़ती हैं. उनका काम सिर्फ सफाई करवाने तक ही सीमित नहीं है बल्कि वह इन दिनों पौधे भी लगा रही हैं. इसके अलावा गरीबों की मदद करना भी उनकी प्राथमिकता में शुमार है. साथ ही घर की जिम्मेदारी भी वह बाखूबी संभालती हैं.
इसे अरूणा की उपलब्धि ही कहेंगे कि उनका नाम जालंधर के मेयर पद के दावेदारों में शुमार हो चुका. हालांकि, यह कुर्सी अरूणा से उम्रदराज और अनुभवी कांग्रेस नेता जगदीश राज राजा के हिस्से में चली गई लेकिन अरूणा का काम करने का जज्बा अभी भी वही है जो पहले हुआ करता था. यही वजह है कि कोरोना काल में जब मुंह पर मास्क लपेटे अरूणा अरोड़ा मॉडल टाउन की सड़कों पर एक जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी निभाती नजर आईं तो लोगों ने सोशल मीडिया पर उन्हें जालंधर के मेयर का तमगा तक दे दिया. इतना ही नहीं अरूणा अरोड़ा के काम की तारीफ खुद कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कर चुके हैं. कैबिनेट मंत्री अरूणा चौधरी उन्हें काम के लिए प्रशंसा पत्र भी भेज चुुुुकी हैं.
लॉकडाउन के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं था जब अरूड़ा अरोड़ा ने वार्ड में काम न कराया हो. इतिहास में पहली बार अरूणा ने वो कर दिखाया जो जालंधर में पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने सफाई कर्मियों से सड़क का उद्घाटन कराकर उन्हें विशेष सम्मान से नवाजा. साथ ही छोटे बड़े के भेदभाव को भी दूर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की.
लगभग दो साल पहले अरूणा अरोड़ा नेे एक साक्षात्कार दिया था. उस वक्त भी उनकी सादगी दिल को छू लेने वाली थी. शहर के विकास और गरीबी को लेकर जब उनसे चर्चा छिड़ी तो बातों-बातों में अरूणा ने बताया कि वह गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं. उनका सपना नगर निगम की बेकार पड़ी जमीन पर एक ऐसा सेंटर बनाने का था जिसमें महिलाओं को रोजगार मिले और वह अपने बच्चों का पालन पोषण करने के लिए किसी की मोहताज न रहें.
निगम हाउस की बैठक में भी अरूणा अरोड़ा जनता की आवाज मुखर होकर उठाती रही हैं.
पिछले लगभग दो दशक से सियासत में सक्रिय अरूणा अरोड़ा ने जालंधर की सियासत में अपना अहम मुकाम बनाया है लेकिन विवादों से उनका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं रहा. अपनी सादगी और जज्बे की बदौलत ही अरूणा अरोड़ा आज न सिर्फ जालंधर की जनता के दिलों पर राज कर रही हैं बल्कि दूसरे सियासतदानों के लिए मिसाल भी बन चुकी हैं. कोरोना काल में साफ-सफाई और पौधरोपण के साथ ही सड़कों का निर्माण कार्य भी अरूणा अरोड़ा ने अपने सामने ही करवाया है. देशभर में बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस को आज निश्चित तौर पर अरूणा अरोड़ा जैसी नेत्रियों की जरूरत है.