झारखण्ड

40 घंटे बाद उठा मृतक गार्ड का शव, मुआवजे पर सहमति

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
बोकारो थर्मल थाना क्षेत्र के सीसीएल कथारा प्रक्षेेेत्र अंतर्गत गोबिंंदपुर परियोजना मेंं कार्यरत आरमो निवासी निजी सुरक्षा गार्ड मोहन गंझू की 21 जून की रात ड्यूटी जाने के क्रम में परियोजना के निकट रास्ते में निर्मम हत्या करने के.बाद शव को जीरो प्वांइट में झाडियों में फेंक दिया था। शव मिलने के बाद मुआवजा और उसके आश्रित को नियोजित करने की मांंग को लेकर शव के साथ गोबिन्दपुर जीरो प्वाइंट के पास शुक्ररवार सेंं से आंदोलनरत थे।

शनिवार को ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ वार्ता के बाद शव को पुलिस ने उठाया ओर पोस्टमार्डम कर उनके परिजनों को सौंप दिया। उसके बाद परियोजना का उत्खनन कार्य प्रारंभ हुआ। उक्त आलोक स्थानीय प्रबंधन के साथ जनप्रतिनिधियों व श्रमिक प्रतिनिधियों की वार्ता मेंं सहमति बनी कि क्षेत्रीय प्रबंधन और डीएवी विधालय प्रबंधन समिति से वार्ता कर मृतक के आश्रित पत्नी को डीएवी विधालय मेंं योग्यता के अनुसार नियोजित की जायेगी। और दो माह के अंदर आपसी सहयोग से 3 लाख रू. सहयोग राशी दिया जायेगा। तथा सरकारी प्रावधान के अनुसार अनुकम्पा राशि के साथ-साथ विधवा पेंशन आदि दिलाने का प्रयास किया जायेगा।

उक्त वार्ता मेंं मुख्य रूप से डुुमरी विधायक जगरनाथ महतो, जिप सदस्य भरत यादव, विधायक प्रतिनिधि ईश्वर प्रजापति, इंटक नेता विकास सिंह, अंजनी त्रिपाठी, जेवीएम के जिला अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र राज, भामसं के नेता विजयानंद प्रसाद,पीडी बर्मन, डाॅ दशरथ महतो, कृष्णा निषाद,भीम लाल यादव , मुखिया मणिराम आदि तथा ग्रामीणों की ओर से मल्लू यादव,सुरेश यादव,मंटू यादव,शिवा गंझू आदि और प्रबंधन की ओर से परियोजना पदाधिकारी विनोद कुमार,कार्मिक पदाधिकारी संजय कुमार झा, मैनेजर आलमगिर आलम आदि उपस्थित थे। यधपि घटना की सूचना मिलते ही उपरोक्त मांंग को लेकर जिप सदस्य भरत यादव,विकास सिंह, डॉ सुरेन्द्र राज,डॉ दशरथ आदि प्रबंधन के समक्ष डटे रहे। और स्थानीय प्रबंधन के साथ काफी जद्दोजहद के बाद अंततः उपरोक्त सहमति बनने के बाद आंदोलन समाप्त हुआ।

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