सोहना, संजय राघव
वर्तमान सरकार उद्योग को बढ़ावा देने व उनमें मूलभूत सुविधाएं देने के वादे तो कर रही है लेकिन धरातल पर यह वादे पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैंl सोहना के समीप रोजका औधोगिक क्षेत्र में 39 वर्ष बाद भी सीवर, स्ट्रीट लाइट जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है इसके परिणाम स्वरुप अधिकतर उद्योग बंद हो चुके हैं व अनेक उद्योग बंद होने के कगार पर हैंl लेकिन कोई भी सरकार ध्यान नहीं दे पा रहीl
उद्योगपति कई वर्षों से सरकारी प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं lहालत यह है कि सीवर न होने के कारण कंपनीयो को हर महीने 20 लाख से अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है lवही उद्योग क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की भी सुविधा नहीं है.
उद्योगपति विधि खटाना ने बताया कि साल 79 रोजका मेव औद्योगिक क्षेत्र स्थापना की गई थीl उस दौरान 140 कंपनी आई थी lवही 2001 में दूसरे तीसरे फेस के दौरान 450 स्माल इंडस्ट्रीज व 250 बड़ी इंडस्ट्रीज एन आर आई इंडस्ट्रीज आई थी lलेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं होने के कारण अधिकतर उद्योग पलायन कर गएl
उद्योगपति रतन पाल खटाना ने बताया कि करीब 20 साल से इंडस्ट्री में सीवर लाइन नहीं है इसके लिए डिप्टी कमिश्नर, हुड्डा एचएसआईडीसी शिकायत कर ली लेकिन अभी तक क्षेत्र में सीवर लाइन नहीं डाली गई है जिसके चलते उद्योगपतियों को हर महा 40 से 50 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है.
मेवात चेम्बर ऑफ कॉमर्स के वाईस प्रेसिडेंट अजय गहलोत ने बताया कि काफी समय से उद्योग क्षेत्र में सीवर स्ट्रीट लाइट ईएसआई की गंभीर समस्या है व उद्योगपति ने बताया कि इस समय लाइट के अघोषित कट उद्योगपतियों को काफी नुकसान दे रहे हैं बिजली की कम वोल्टेज आती हैl जिस कारण हर महीने हर उद्योगपति को 20 लाख से अधिक का नुकसान जनरेटर की वजह से हो रहा हैl
उन्होंने बताया कि क्षेत्र में फायर ब्रिगेड सुविधा नहीं है इस कारण अब तक कई बड़ी बड़ी कंपनियां में बड़े बड़े हादसे हो चुके हैं lइसके लिए उन्होंने गुडगांव व नूह से फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ती है.