पंजाब

सही तरीके से हुई विजिलेंस जांच तो ले डूबेगी बिल्डिंग इंस्पेक्टर नीरज शर्मा और टिवाना को

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के जालंधर दौरे के बाद विजिलेंस विभाग भी हरकत में आ गया है| मंगलवार को जहां विजिलेंस के डीएसपी और अपनी टीम के साथ नगर निगम में छापेमारी करने और अवैध इमारतों का मोबाइल न करने पहुंचे थे वही बुधवार को खुद विजिलेंस के एसएसपी ने मोर्चा संभाल लिया है| SSP विजिलेंस दलजिंदर सिंह ढिल्लो और डीएसपी सतपाल अपनी टीम के साथ बस स्टैंड के पास बनी इमारतों की जांच करने के लिए पहुंचे| एसएसपी ने बताया कि जो इमारतें नियमों के अनुसार नहीं बनी हैं उनकी जांच की जा रही है| इसकी रिपोर्ट तैयार करके विभाग को भेजी जाएगी| हालांकि शहर में कुल कितनी इमारतें अवैध रूप से बनी है इस मसले पर एसएसपी ने सिर्फ इतना ही कहा कि यह जांच का विषय है| जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि शहर में कितनी इमारतें अवैध रूप से बनाई गई हैं|
विजिलेंस की कार्रवाई से यह लग रहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू अब किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को छोड़ने के मूड में नहीं है| अगर विजिलेंस पिछले 1 साल के दौरान ही शहर में बनाई गई अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों की जांच करें तो बिल्डिंग इंस्पेक्टर धीरज शर्मा और बिल्डिंग इंस्पेक्टर रुपेंद्र सिंह टिवाना की मुश्किलें बढ़ सकती हैं| कारण यह है कि पिछले 3 सालों के दौरान यह दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टर जिस भी इलाके में रहे हैं वहां अवैध कॉलोनियों और अवैध इमारतों की बाढ़ सी आ गई है|

रुपेंद्र सिंह टिवाना ने तो अटारी बाजार, रैनक बाजार, पतंगों वाली गली, कैंचियां वाला बाजार, पीरबोदलां बाजार, भैरव बाजार समेत विभिन्न बाजारों की तंग गलियों में दो-दो तीन-तीन मंजिला अवैध मार्केट खड़ी करवा दीं| वही मॉडल टाउन में भी कई अवैध बिल्डिंग रुपेंद्र सिंह टिवाणा के संरक्षण में ही बनाई गईं| यही वजह थी कि लगभग 1 साल पहले रुपेंद्र सिंह टिवाना से रेलवे रोड का एरिया वापस लेने के बाद उन्हें किसी भी एरिया में नहीं लगाया गया था| सूत्र बताते हैं कि अपनी राजनीतिक पहुंच कर चलते रुपेंद्र सिंह दीवाना ने दोबारा एरिया हासिल कर लिया|
कुछ ऐसा ही हाल बिल्डिंग इंस्पेक्टर नीरज शर्मा का भी रहा है| नीरज शर्मा के पास जो भी इलाके रहे वहां अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों की कोई कमी नहीं रही| दिवाली से लेकर नेशनल हाईवे के इर्द-गिर्द नगर निगम के एरिया में धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटी गई और नीरज शर्मा आंखें मूंदे बैठे रहे| भूपेंद्र सिंह टिवाना और नीरज शर्मा दोनों ही बहुत ही शातिराना तरीके से अपने कार्य को अंजाम देते रहे| फाइलों का बोझ बढ़ाने के लिए इन दोनों ही इंस्पेक्टरों ने अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों को नोटिस तो खूब जारी किए लेकिन उसके आगे की कार्यवाही नहीं की| जब नौकरी पर आई तो दोनों ने वह नोटिस दिखा डाले और स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के प्रकोप से बच गए| ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सिर्फ नोटिस जारी कर देना ही काफी था, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई? नोटिस जारी कर खानापूर्ति करने वाले इन दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टर होने नगर निगम के राजस्व को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है| सूत्र बताते हैं कि इन दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टरों की ओर से अवैध बिल्डिंग बनवाने वालों या अवैध कॉलोनी काटने वालों को अपनी ओर से कोई कार्यवाही ना किए जाने का भरोसा तो दिलाया जाता था लेकिन साथ ही यह दोनों उनसे यह भी कहते थे कि अगर कोई शिकायत हुई तो हम कार्रवाई करने पर मजबूर हो जाएंगे| ऐसे नहीं जब भी कोई शिकायत आती तो शिकायतकर्ता की पूरी डिटेल अवैध निर्माण और अवैध कॉलोनी काटने वालों के पास पहुंच जाती थी| नतीजा यह होता कि शिकायतकर्ता भी मैनेज कर लिए जाते थे| जो शिकायतकर्ता मैनेज नहीं होते थे वह नगर निगम कमिश्नर और इन अधिकारियों को शिकायत लिखते लिखते थक जाते थे लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती थी| सूत्र बताते हैं कि इस तरह के काले कारोबार से इन दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टरों ने करोड़ों रुपए नगर निगम के खाते में ना डाल कर अपनी जेबों में भर लिये| ऐसे में अगर विजिलेंस की ओर से सही तरीके से इन दोनों बिल्डिंग इंस्पेक्टरों के इलाकों में बनी अवैध इमारतों और अवैध कॉलोनियों की जांच की गई तो निश्चित तौर पर दोनों इंस्पेक्टरों को नौकरी से बर्खास्त किया जा सकेगा|

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