नीरज सिसौदिया, जालंधर
सरकार के खजाने को सरकारी नुमाइंदे ही चूना लगा रहे हैं| नगर निगम का खजाना खाली होता जा रहा है और अफसरों की जेबें भरती जा रही हैं| पैसे और पावर के खेल में जहां आम जनता पिस रही है वहीं कांग्रेस नेता खुलेआम कानून तोड़ रहे हैं| ताजा उदाहरण कांग्रेस पार्षद कंवलजीत कौर गुल्लू और उनके पति का है|
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गुल्लू द्वारा प्लॉट नंबर 6 न्यू गोपाल नगर मैं होटल रेड पैटल के पास अवैध रूप से कमर्शियल इमारत खड़ी की जा रही है लेकिन नगर निगम की ओर से इसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही| जब यह बिल्डिंग बनी शुरू हुई थी तभी आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने इसकी शिकायत नगर निगम में की थी| लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने उनकी शिकायत को कूड़े के ढेर में डाल दिया| इसके बावजूद बिल्डिंग का निर्माण कार्य चलता रहा और रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने फिर शिकायत डाली| इस बार नगर निगम कमिश्नर से लेकर मुख्यमंत्री तक को कंप्लेंट भेजी गई लेकिन नतीजा जीरो रहा| कांग्रेस पार्षद को खुश करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों ने सारे नियम और कानून ताक पर रख दिए| गुल्लू का हौसला और बुलंद हुआ एवं उन्होंने बिल्डिंग की दूसरी मंजिल का भी काम शुरू करवा दिया| चड्ढा ने इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर से लेकर स्थानीय निकाय मंत्री और मुख्यमंत्री तक को की लेकिन सत्ता के आगे सब अधिकारी नतमस्तक हो गए| विगत 14 जून को जब स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जालंधर पहुंचे तो दिखावे के लिए बिल्डिंग इंस्पेक्टर नवजोत दुग्गल पुलिस फोर्स के साथ उल्लू की बिल्डिंग पर कारवाई करने पहुंचे और बिल्डिंग का निर्माण कार्य रुकवा दिया| लेकिन सत्ता के नशे में चूर पार्षद ने अगले ही दिन दुबारा से निर्माण कार्य शुरू कर दिया| रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने फिर इसकी शिकायत नगर निगम को की| मीडिया ने भी प्रमुखता से इस खबर को प्रकाशित किया लेकिन नगर निगम अधिकारियों के कानों में जूं तक नहीं रेंगी| गुल्लू अपना काम करते रहें और उनकी बिल्डिंग अब दो मंजिल बनकर तैयार हो चुकी है| बिल्डिंग में काम अभी चल रहा है| इस संबंध में जब बिल्डिंग इंस्पेक्टर नवज्योति गर्ल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने एटीपी को गुल्लू की बिल्डिंग सील करने के लिए लिखा है लेकिन एटीपी की ओर से इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं की गई किस कारण निर्माण कार्य चलता रहा है| नवजोत दुग्गल ने जब लिखा था तो उस समय एटीपी बलविंदर सिंह थे| सिद्धू ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है और अब विकास दुआ के हाथों में इसकी कमान है| सूत्र बताते हैं कि विकास हुआ सिर्फ अपना ही विकास करने में लगे हुए हैं नगर निगम के खाली खजाने को भरने की ओर उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है| विकास दीवाने भी गुल्लू की बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया| इसे भ्रष्टाचार करें या फिर सत्ता का खौफ कि असिस्टेंट टाउन प्लानर विकास दुआ इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे| नगर निगम के टाउन प्लानिंग विभाग के अधिकारियों ने विभाग की कार्यप्रणाली को मजाक बनाकर रख दिया है| चड्ढा का सवाल है कि जब नगर निगम को अवैध बिल्डिंगों और अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करनी ही नहीं है तो फिर इस विभाग की जरूरत क्या है? क्या सिर्फ आम आदमी को परेशान करने के लिए ही यह विभाग बनाया गया है? विजिलेंस से शिकायत करने के बावजूद कुल्लू की बिल्डिंग पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? अगर एक पार्षद विजिलेंस और स्थानीय निकाय मंत्री से भी ऊपर हो गया है तो फिर अधिकारियों को सरकारी तनख्वाह देने की जरूरत क्या है? उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी कौन सी वजह है कि एक पार्षद की बिल्डिंग बचाने के लिए पूरा नगर निगम उतर आया है और मेयर जगदीश राज राजा भी इस दिशा में कोई कार्यवाही करना जरूरी नहीं समझ रहे| कहीं राजा के संरक्षण के चलते ही तो पार्षद की बिल्डिंग के खिलाफ नगर निगम के अधिकारी कार्यवाही करने से डर रहे| बहरहाल कारण चाहे जो भी हो लेकिन कांग्रेस पार्षद गुल्लू की अवैध बिल्डिंग को इस तरह संरक्षण दिया जाना खुलेआम कानून और भारतीय संविधान का मजाक उड़ा रहा है| आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा के वकील ने इस संबंध में नगर निगम को अदालती नोटिस भी भेजा है लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने कांग्रेस पार्षद के लिए अदालत का भी मजाक बनाकर रख दिया है| अब देखना यह है कि अगर अदालत में यह मामला चाहता है और अदालत भी उल्लू के खिलाफ आदेश जारी करती है तो क्या तब भी नगर निगम के अधिकारी गुल्लू की अवैध बिल्डिंग को संरक्षण देंगे?