पंजाब

सावन के महीने में कैसे करें हम भगवान शंकर की आराधना

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ओम गुरु गोरखनाथाय नमः
सावन के महीने में जिसे महातम के रूप में जाना जाता है हम सभी में एक धारणा बनी हुई है कि हम सोमवार के व्रत रखें और भगवान से मांगे कि भगवान हमारा भला करे लेकिन बहुत सारे भक्त असंतुष्ट भी रह जाते हैं। इसलिए ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ इस विधि का वर्णन कर रहे हैं।

शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराना पुष्प, बेल के पत्ते, चंदन से श्रृंगार करना, श्रेष्ठ ब्राह्मणों द्वारा महामृत्युंजय का पाठ करवाना। इसके उपरांत हवन मार्जन तर्पण और अनंत प्रकार के व्यंजनों से महादेव को प्रसन्न करना चाहिए। यदि आपको कालसर्प दोष, पितृ दोष अल्पायु योग बहुत बीमारी का कष्ट रह रहा है या आर्थिक तंगी अपने चरम सीमा पर है तो आप महामृत्युंजय भगवान की शरण में जाएं। इस विधि से पूजा करने से भगवान शंकर अपने प्रिय भक्तों को सदा के लिए पाप मुक्त कर देते हैं।
नाथ गद्दी द्वारा किए जा रहे यही धर्मकर्म सत्य पर आधारित हैं आप भी करें निसंदेह लाभ होगा।

​​​​​भगवान भोलेनाथ करे आपकी हर इच्छा पूरी……पढ़िए कुछ आसान उपाय
भगवान शिव शंकर बहुत भोले हैं, इसीलिए हम उन्हें भोले भंडारी कहते है, यदि कोई भक्त सच्ची श्रद्धा से उन्हें सिर्फ एक लोटा पानी भी अर्पित करे तो भी वे प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए कुछ छोटे और अचूक उपायों के बारे शिवपुराण में भी लिखा है। ये उपाय इतने सरल हैं कि इन्हें बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। हर समस्या के समाधान के लिए शिवपुराण में एक अलग उपाय बताया गया है। ये उपाय इस प्रकार हैं-

इन छोटे उपायों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है :-
भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद जरूरतमंदों में बांट देना चाहिए।

भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है
बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है, सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा भगवान शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
तीक्ष्ण बुद्धि के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
यदि कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से कमजोर है तो उसे उत्तम स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए भगवान शिव का अभिषेक गौ माता के शुद्ध घी से करना चाहिए ।

भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है
लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है। बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है। जूही के फूल से भगवान शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती। कनेर के फूलों से भगवान शिव का पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है। धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है। लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजन में शुभ माना गया है। दूर्वा से भगवान शिव का पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

इन उपायों से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
सावन के माह में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं, इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी ।
अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गुल का धूप दें।
सावन के माह में शिवलिंग पर केशर मिला दुध चढाने से विवाह कार्य में आ रही बाधा दूर होती है।
सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में ‘राजा’ ‘महाराजा’ जैसी सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
सावन में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद शिव मंदिर में भगवान शिव का जल से अभिषेक कर उन्हें काले तिल अर्पण करें तत्पश्चात मन ही मन में ॐ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। इससे मन को शांति मिलेगी। सावन में किसी नदी या तालाब जाकर ॐ नमः शिवाय का जप करते हुए आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं, यह धन प्राप्ति का बहुत ही सरल उपाय है।

शिव की पूजा से बढ़ाए आमदनी

सावन के महीने में किसी भी दिन घर में शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इसके बाद नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जप करें-

ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
प्रत्येक मंत्र के साथ बिल्वपत्र पारद शिवलिंग पर चढ़ाएं, बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108 वां बिल्वपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें तथा उसे अपने पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन उसकी पूजा करें।

संतान प्राप्ति के लिए अद्भुत उपाय
सावन में किसी भी दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद भगवान शिव का पूजन करें, इसके पश्चात गेहूं के आटे से 11 शिवलिंग बनाएं। अब प्रत्येक शिवलिंग का शिव महिम्न स्त्रोत से जलाभिषेक करें। इस प्रकार 11 बार जलाभिषेक करें, उस जल का कुछ भाग प्रसाद के रूप में ग्रहण करें। यह प्रयोग लगातार 21 दिन तक करें। गर्भ की रक्षा के लिए और संतान प्राप्ति के लिए गर्भ गौरी रुद्राक्ष भी धारण करें। इसे किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त देखकर धारण करें।

उत्तम स्वास्थ्य और बीमारी ठीक करने के लिए उपाय
सावन में किसी सोमवार को पानी में दूध व काले तिल डालकर शिवलिंग का अभिषेक करें, अभिषेक के लिए तांबे के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करें। अभिषेक करते समय ॐ जूं स: मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान शिव से रोग निवारण के लिए प्रार्थना करें और प्रत्येक सोमवार को रात में सवा नौ बजे के बाद गाय के सवा पाव कच्चे दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने का संकल्प लें। इस उपाय से बीमारी ठीक होने में लाभ मिलता है।

                          – जय गुरु गोरखनाथ
                          – ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ

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