पंजाब

​​​​​पूर्णिमा के चांद पर लगेगा सदी का सबसे बड़ा ग्रहण

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104 साल बाद इसी सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण 27 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन लगेगा। ग्रहण काल 3 घंटे 54 मिनट का होगा। चंद्रग्रहण रात 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर इसका मोक्षकाल 3 बजकर 48 मिनट पर होगा। पूरे देश में इसे देखा जा सकेगा। ग्रहण का सूतक दोपहर के समय लग जाने से इस दिन दोपहर तक ही गुरुभक्त गुरु पूजन कर सकेंगे। ग्रहण का विभिन्न राशियों पर अच्छा व बुरा प्रभाव होगा। मकर राशि के नक्षत्र में ग्रहण होने के कारण इस राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत रहेगी। इससे पूर्व 26 जुलाई 1953 को 20वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण दर्ज हुआ था। उसकी अवधि 5 घंटे 27 मिनट थी। यह पूर्णावस्था में करीब 101 मिनट तक रहा था। ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ के अनुसार आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा जिसे गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है को सदी का सबसे लंबा चन्द्र ग्रहण होगा। सेना नायक, मंत्री, कथा वाचक, पंडित, उद्योगपति तथा प्रशासक समुदाय के लोगों के लिए ग्रहण शुभ नहीं है। शास्त्रों की मानें तो इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है और पिछले पापों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा चंद्र ग्रहण वाले दिन किया गया दान भी आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है और आपके आने वाले जीवन में खुशियां ला सकता है।

किस राशि पर कैसा असर
मेष और वृषभ राशि पर चंद्रग्रहण का अच्छा असर पड़ेगा। सिंह, वृश्चिक और मीन राशि पर सामान्य, मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि पर प्रभाव अच्छा नहीं होगा। इसके अलावा कर्क, धनु और कन्या पर चंद्रग्रहण का प्रभाव मिश्रित रहेगा।

ग्रहण के समय क्या करें क्या न करें…
चंद्र ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत होते ही भगवान की पूजा से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा इस समय के शुरू होते ही मंदिर के सारे द्वार बंद रखने चाहिए और भगवान की मूर्तियों को छूने से रोक लगा देनी चाहिए। खाने के समय शुद्धिकरण के लिए सभी व्यंजनों में तुलसी के पत्ते डाल देने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार सूतक काल के समय नाखून नहीं काटने चाहिए और ना ही कुछ खाना पीना चाहिए। हालांकि गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इस समय में इतने परहेज करने की जरूरत महसूस नहीं होती। इस समय में राहु और केतु की दृष्टि वक्री होती है जिससे गर्भवती महिलाओं और बच्चों को नुकसान पहुंच सकता है, ऐसे में अपने घर से महिलाओं और बच्चों को बाहर ना जाने दे। ग्रहण के समय गर्भवती स्त्रियों के बाहर निकलने से होने वाला बच्चा अपंग हो सकता है यहां उसे कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सूतक काल में सिलाई कढ़ाई करना भी मना है। सूतक काल के दौरान शरीर पर तेल लगाना मना है। इस समय मल मूत्र विसर्जन ना करें, पानी का परहेज करें, दांत साफ ना करें और ना ही शारीरिक संबंध बनाए। ग्रहण के समय ताजा खाना बनाकर खाना है सेहत के लिए सही सिद्ध होता है।

चंद्रग्रहण – 27 जुलाई 2018
ग्रहण प्रारम्भ : 11. 54 PM
ग्रहण समाप्त :03 49 AM
सूतक प्रारम्भ :02. 54 PM
यह चन्द्रगहण पुरे भारत में दिखाई देगा।
गुरु पूर्णिमा वाले दिन लगने वाला यह चंद्रग्रहण 235 मिनट तक रहेगा।
जप -तप दान के लिए विशेष महत्व रहेगा।
मंदिरों के कपाट 2.54 दोपहर से पहले ही बंद कर दिए जाएंगे।

– नरेश नाथ, ज्योतिषाचार्य 

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