नीरज सिसौदिया, जालंधर
पीएफ विभाग ने छह कंपनियों को डिफाल्टर घोषित करते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया है| इन सभी कंपनियों सेट BF का रिकॉर्ड मांगा गया था लेकिन इन्होंने रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया है जिसके बाद यह कार्यवाही पीएफ कमिश्नर की ओर से की गई है|
पीएफ कमिश्नर जालंधर सुनील कुमार यादव ने बताया कि जो संस्थान अनुपालन करने में जो करते हैं उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जा रही है और आगे भी की जाएगी| उन्होंने बताया कि होशियारपुर की सेंचुरी प्लाई बोर्ड्स इंडिया लिमिटेड, एचएसबी एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड, जेएस ट्रांसपोर्ट, सतकरतार ब्रिक्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, हरिकिशन और कैलाश बस्सी गवर्नमेंट कांट्रेक्टर से कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध अधिनियम 1952 की धारा 13 (2) ईपीएफ स्कीम के पैरा 46 और ईडीएलआई के पैरा 11 के प्रावधान के अनुसार रिकॉर्ड मांगा गया था जिसे संस्थानों ने उपलब्ध नहीं करवाया| इसके बाद विभाग में कर्मचारी भविष्य निधि स्कीम के पैरा 76 सी ईडीएलआई के पैरा 29 C और ईपीएस के पैरा 42 सी के प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही की है| इनके खिलाफ अदालत में केस दायर किया जा चुका है|
उन्होंने आगे बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा अपने सदस्यों को बेहतर सेवाएं देने के उद्देश्य से गत वर्ष यूनिवर्सल अकाउंट नंबर प्रोजेक्ट शुरू किया गया था| उप सेवाओं को प्राप्त करने के लिए pf ऑफिस में समय सीमा तय की है जिसके अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के पैरा 78(3) के तहत नए दिशा निर्देश अनुसार प्रत्येक संस्थान को अपने कर्मचारियों के आधार नंबर यूएएन प्राप्ति के 1 महीने के भीतर जोड़ना अति आवश्यक है. जिसे ऑनलाइन क्लेम सेटलमेंट और ऑनलाइन खाते की जानकारी ली जा सकती है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सभी संस्थानों को 17 जुलाई 2018 को एक ईमेल भी भेजा गया है जिसमें संस्थानों को प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना में रजिस्टर करने के लिए कहा गया था| उन्होंने सभी संस्थानों से आग्रह किया है कि वह सरकार की इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाएं|
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