नीरज सिसौदिया, जालंधर
पंजाब में अवैध कॉलोनियों और अवैध इमारतों को लेकर अरबों रुपए का काला खेल खेला गया है| स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अब इस खेल को पूरी तरह न सिर्फ समझ गए हैं बल्कि उस पर लगाम लगाने की पहल भी कर चुके हैं| यही वजह है कि वह प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के निशाने पर आ गए हैं| यूं तो पार्टी के कई दिग्गज नेता भी अंदरखाते सिद्धू को हजम नहीं कर पा रहे लेकिन ताजा मामला कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को लेकर सामने आया है|
सियासी सूत्रों की मानें तो बाजवा और सिद्धू की तनातनी अवैध कॉलोनियों को लेकर बनने जा रही नई पॉलिसी को लेकर सामने आई है| सूत्र बताते हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू जहां सरकारी खजाना भरने के पक्ष में हैं और अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइजरों को कोई बड़ी राहत नहीं देना चाहते, वहीं बाजवा उनकी राह में रोड़ा अटकाते हुए अपने मुताबिक पॉलिसी लागू करना चाहते हैं| सूत्र यह भी बताते हैं कि भाजपा जिस तरह की पॉलिसी लागू करवाना चाहते हैं वह कॉलोनाइजरों के लिए तो फायदे का सौदा साबित होगी लेकिन सरकारी खजाने के लिए फायदेमंद नहीं|
इसके लिए जब सिद्धू पर दबाव डाला गया तो वह खुलकर विरोध पर उतर आए और उन्होंने यहां तक कह दिया कि वह पंजाब को कुत्तों के सहारे नहीं छोड़ सकते| उनका इशारा बाजवा की तरफ ही था| जवाब में बाजवा ने सिद्धू पर पलटवार करते हुए कहा कि सिद्धू स्पष्ट करें कि वह कुत्ता किसे कह रहे हैं| वह एक क्रिकेटर रहे हैं और वर्तमान में सियासत में आए हैं इसलिए उन्हें अपनी भाषा पर संयम रखना चाहिए और इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए|
तल्खियां बढ़ीं तो मामला राहुल गांधी के दरबार पहुंचा पहुंचा| 2 कैबिनेट मंत्रियों के बीच आपसी खींचतान को लेकर राहुल गांधी ने कड़ी नाराजगी जताई| बता दें कि सिद्धू को कांग्रेस में शामिल करने वाले राहुल गांधी ही थे|
सिद्धू के तेवर ने यह तो साबित कर दिया है कि आने वाली रेगुलराइजेशन पॉलिसी में नवजोत सिंह सिद्धू किसी की मनमानी नहीं चलने देंगे| अगर सिद्धू के मुताबिक पॉलिसी बनती है तो निश्चित तौर पर कॉलोनाइजरों के लिए यह अच्छी खबर नहीं होने वाली| जिस पॉलिसी की आस में वह अवैध कॉलोनियां धड़ाधड़ काटने में लगे हुए हैं उन्हें रेगुलर कराने के लिए कॉलोनाइजरों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ेगा| सिद्धू की सख्ती लाजमी भी है| वह पंजाब के शहरों को झोपड़पट्टी की शक्ल नहीं देना चाहते बल्कि सुनियोजित विकास के पैरोकार हैं| सिद्धू की सोच दूरदर्शी है और वह जनता को एक ऐसा सुनियोजित विकास देना चाहते हैं जिसमें असुविधाओं और समस्याओं के लिए कोई जगह न हो| यही वजह है कि वह कॉलोनियों की रेगुलराइजेशन पॉलिसी से कोई समझौता नहीं करना चाहते| ऐसे में अगर सिद्धू के मुताबिक पॉलिसी तैयार होती है तो निश्चित तौर पर कॉलोनाइजरों को जोर का झटका लगेगा| साथ ही अवैध कॉलोनियों को वह इस उम्मीद में काटने में लगे हुए हैं कि पॉलिसी आते ही उनकी यह अवैध कॉलोनियां भी रेगुलर हो जाएंगी तो उनकी उम्मीद भी धरी की धरी रह जाएगी| सूत्र बताते हैं कि सिद्धू इस मामले में कोई समझौता नहीं करने वाले और वह कॉलोनाइजरों से नियम के मुताबिक पूरी फीस वसूल कर ही रहेंगे| इतना ही नहीं कार्रवाई की उन्होंने जो शुरुआत जालंधर से की है उस सिलसिले को वह आगे बढ़ाने के भी पीछे नहीं हटने वाले| बहरहाल, सबकी निगाहें आने वाली रेगुलराइजेशन पॉलिसी पर टिकी हुई है| आने वाली पॉलिसी ही प्रदेश के रियल एस्टेट कारोबार की दशा और दिशा तय करेगी|