ओम गुरु गोरखनाथाय नम:,
सभी भक्तजनों को मेरा प्रणाम 16 जुलाई से सूर्य देव कर्क राशि में आ रहे हैं. जब सूर्य देव कर्क राशि में आते हैं तो उस महीने को श्रावण मास कहा जाता है जिन भक्तों ने पूर्ण रुप से सारे सावन के दिनों की पूजा करनी है उनके लिए 16 जुलाई से 16 अगस्त तक का समय अति उत्तम है इस दरमियान कई अच्छे मुहूर्त आ रहे हैं उन्हें नोट करें.
20 जुलाई को दुर्गा अष्टमी की पूजा है जिन भी प्राणियों को देवी पूजन का या गौरी पूजन का विधान करना है तो वह इस दिन कर सकते हैं
23 तारीख को हरिशयनी एकादशी का व्रत है भगवान विष्णु के परम सेवक इस दिन श्रीमन्नारायण की पूजा कर सकते हैं
27 तारीख को गुरु पूर्णिमा है इस दिन ब्रह्मा विष्णु महेश की पूजा की जाती है या आप जिन को भी अपने सजीव गुरु के रुप में जानते हैं उनकी पूजा करें और उनसे आशीर्वाद लें यह वार्षिक पूजा है इसका फल अनंत गुना अनंतकोटी और अति शुभ होता है
2 अगस्त को नागपंचमी का दिन है जिनके कुल देवता नाग हैं या जिन के कुलों में नाग पूजा की जाती है उसको वार्षिक रूप से इस दिन किया जा सकता है इस दिन भगवान शिव के चरणों में सोना चांदी और तांबे के nag बनाकर सवा किलो दूध दही चावल शक्कर चढ़ाने से नागदोष की या कालसर्प दोष की पूजा की जा सकती है कालसर्प दोष को शांत करने का यह अति उत्तम दिन है.
जिन लोगों के लिए शनि देव कहर रूपी अरिष्ट के रूप में खड़े हैं उनके लिए 11 अगस्त का दिन अति उत्तम है इस दिन अमावस्या है और इस शनिश्चरी अमावस्या को शनि देव का पूजन दान यथाशक्ति यथासंभव भंडारा लगाना अति उत्तम रहेगा.
सावन एक महातम है जो भगवान भोलेनाथ को अति प्रिय है इस मार्च का धार्मिक रूप में बहुत ही अच्छा महत्व है कृपया इस विषय में वर्णित है दिए गए सुझावों को करें और अनंत कोटी फल की प्राप्ति करें जय गुरु गोरखनाथ.
– ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ