पंजाब

चन्नन नगर : यहां ‘जहर’ पीकर भी जिंदा हैं लोग

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
जालंधर वेस्ट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते वार्ड नंबर 35 में पड़ता है चन्नन नगर का इलाका| छोटे-मोटे कारोबार करके यहां के लोग दो जून की रोटी जुटाते हैं| कुछ नौकरीपेशा भी हैं| यहां सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है| यहां की सड़कें और गलियां तो पानी से लबालब रहती हैं लेकिन लोगों के हलक सूखे ही रह जाते हैं. अंग्रेजों के जमाने से यहां की जलापूर्ति लाइनें नहीं बदली गईं| जमीन के अंदर डाली गई पाइपें अब सड़- गल चुकी हैं| सीवर लाइन और जलापूर्ति लाइन अगल-बगल होने से सड़ी गली सीवर लाइनों से दूषित पानी जलापूर्ति लाइनों में आ जाता है| इसके चलते कई घरों के नलों में सीवर मिक्स पानी आता है| यह पानी इतना गंदा होता है कि पीना तो दूर कपड़े धोने के लिए भी इस्तेमाल नहीं किया जा सकता| इसके बावजूद ना तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या का समाधान किया और ना ही नगर निगम के अधिकारियों ने|

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हर रोज यहां के लोगों को पीने के पानी के लिए भारी जद्दोजहद करनी पड़ती है| पानी बेचने वालों का धंधा यहां जोरों पर चलता है| एक अनुमान के मुताबिक यहां रोजाना हजारों रुपए के पीने के पानी का कारोबार होता है| नगर निगम इन लोगों को भले ही शुद्ध पेयजल मुहैया नहीं करवा पा रहा हो लेकिन पानी का बिल वसूलने में वह कोई कसर नहीं छोड़ता| लोगों को पानी का बिल पूरा अदा करना पड़ता है जिसके कारण उन में भारी रोष पनपने लगा है|
चन्नन नगर में पानी की समस्या कोई नई बात नहीं है| पिछले लगभग 8-10 साल से यही हाल है| 10 साल तक नगर निगम और सूबे पर अकाली-भाजपा गठबंधन का राज था लेकिन यहां के हालात नहीं सुधरे| तब कांग्रेस का पार्षद होने की वजह से यह इलाका राजनीति की भेंट चढ़ गया| अबकी बार आजाद उम्मीदवार को जनता ने जिताया तो कुछ उम्मीद जगने लगी है| कांग्रेस विधायक सुशील रिंकू को विधायक बने लगभग 1 साल से भी अधिक का वक्त हो चुका है लेकिन उन्होंने भी चन्नन नगर की इस सबसे बड़ी समस्या को दूर करने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया| पूर्व विधायक ने भी इस दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई| नतीजा यह हुआ कि आज भी यहां के लोग भारी पेयजल संकट से जूझ रहे हैं|
स्थानीय पार्षद आरके निहंग और युवा भाजपा नेता व समाजसेवक बिन्नी सेठी इस समस्या को लेकर काफी गंभीर हैं| सेठी बताते हैं कि पिछले काफी समय से यह समस्या बरकरार है लेकिन अब तक की सरकारों ने इसका निदान करने के लिए कुछ नहीं किया| वह कहते हैं कि यहां लगभग 300 से भी अधिक परिवार ऐसे हैं जो पेयजल संकट से जूझ रहे लेकिन इन्हें आज तक इसका समाधान नहीं मिल सका| चुनावी वादों में इनकी समस्या उलझ कर रह गई| उन्होंने कहा कि यहां के लोगों की आधी आमदनी तो पीने का पानी खरीदने में ही चली जाती है| जो लोग पीने का पानी सब खरीदने में सक्षम नहीं है वह यही दूषित जल पीने को मजबूर हैं| जिसके कारण वह जलजनित गंभीर रोगों के शिकार हो रहे हैं| हर मौसम में यहां पीलिया के मरीज आसानी से देखे जा सकते हैं|
स्थानीय पार्षद निहंग कहते हैं कि इलाके की पेयजल समस्या के निदान के लिए नगर निगम अधिकारियों से और मेयर जगदीश राजा से भी गुहार लगा चुके हैं| काफी प्रयास के बाद एक उम्मीद की किरण दिखाई पड़ी है| अमरूत प्रोजेक्ट के तहत शहर के विभिन्न इलाकों की सड़ी गली पेयजल आपूर्ति लाइनों को बदला जाना है| चन्नन नगर को भी इस योजना में शामिल किया जाना चाहिए ताकि यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जा सके| निहंग बताते हैं कि इलाके के एक ट्यूबवेल को इसी के चलते बंद करा दिया गया है क्योंकि गंदा पानी आ रहा था| वह कहते हैं कि लोग भले ही बाजारों से खरीद कर पानी पी लें मगर यह नहीं चाहते कि लोग दूषित पानी पीकर अपनी जिंदगी गंवा दें| उन्होंने बताया कि यह इस ट्यूबेल की जगह दूसरा ट्यूबेल कुछ ही दूरी पर लगाया जा रहा है| नए ट्यूबवेल को मंजूरी मिल चुकी है लगभग 15-20 दिन में नया ट्यूबवेल चालू करा दिया जाएगा| इसके बाद लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है| हालांकि दूषित जल आपूर्ति से पूरी राहत कभी मिल पाएगी जब की जलापूर्ति लाइनें बदली जाएंगी| बिन्नी सेठी और निहंग ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, मेयर जगदीश राज राजा एवं निगम कमिश्नर से इलाके की पेयजल समस्या का तत्काल समाधान करने की मांग की है| उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया जाता तो वह बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे|

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