सोहना, संजय राघव
इस बार सोहना की प्राचीन परंपरा हरियाली तीज मेले से लोगों को महरूम होना पड़ेगा क्योंकि स्टेडियम के सौंदर्यकरण को लेकर प्रशासन ने तीज मेला नहीं लगाने का फैसला लिया है lप्रशासन के इस फैसले से क्षेत्र के लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी रोष है lवहीं लोगों का कहना है के प्राचीन परंपरा को स्टेडियम के सौंदर्यकरण के नाम पर खत्म किया जा रहा है lजबकि यह मेला 50 वर्षों से सोहना में एक आकर्षण का केंद्र माना जाता है l
सोहना में लगने वाला हरियाली तीज मेला एक सोहना की प्राचीन परंपरा है इस मेले को लेकर लोगों में एक उत्साह बना हुआ रहता है lलेकिन इस बार हरियाली तीज मेले को लेकर प्रशासन का अंदाज थोड़ा तल्ख़ी भरा है lप्रशासन के अनुसार स्टेडियम में लगने वाला हरियाली तीज मेला स्टेडियम के सौंदर्यकरण को लेकर नहीं लगाया जा रहा lअधिकारियों ने बताया कि स्टेडियम में फिलहाल लाखों रुपए की राशि खर्च की गई है जिस कारण यह फैसला लिया गया है
समिति को होगा लाखों का नुकसान
सोहना स्टेडियम में लगने वाला हरियाली तीज मेला का ठेका एक नियम के अनुसार हर वर्ष छोड़ा जाता था व लाखों रुपए में यह ठेका छोड़ा जाता था यह सभी राशि स्टेडियम समिति के अकाउंट में जमा की जाती थी lइसी राशि से स्टेडियम का सौंदर्यकरण भी कराया जाता था lअबकी बार हरियाली तीज मेला नहीं लगने के कारण स्टेडियम समिति को भी लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगाl
बरसों पहले दो झूलों से शुरू हुआ था हरियाली तीज मेला
क्षेत्र के लोगों ने बताया कि बरसों पहले सोहना के एक छोटे से इलाके में दो झूलो से हरियाली तीज मेले की शुरुआत की गई थी lऔर उसी दिन से इस मेले का रूप बढ़ता चला गया lअब सोहना के समीप जुड़ा मेवात वह इसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्र इस मेले के लिए एक वर्ष का इंतजार करते थे लेकिन इस बार मेले के नहीं लगने से लोगों में प्रशासन के प्रति भारी रोष है lलोगों को कहना है जिस स्टेडियम में ना लग कर मेला कहीं अन्य सरकारी जगह पर लगाया जाए ताकि वर्षों से चली आ रही परंपरा पूरी तरह से बरकरार रहेl
स्टेडियम समिति के अध्यक्ष व सोहना एस डीएम सतीश यादव ने बताया कि इस बार प्रशासन ने हरियाली तीज मेला स्टेडियम में नहीं लगाने का फैसला लिया है इसका मुख्य कारण यह है कि मेले में फिलहाल लाखों रुपए खर्च करा कर उसे प्लेन कराया गया है व इसमें घास लगवाई जा रही है जिस कारण यह फैसला लिया गया है.
Facebook Comments