नीरज सिसौदिया, जालंधर
पंचायत चुनाव को लेकर प्रदेश भर में आचार संहिता लागू होने के बावजूद नगर निगम जालंधर होशियारपुर और मुक्तसर में विकास कार्यों के टेंडर निकाले गए हैं| नियमानुसार ऐसा नहीं किया जा सकता जबकि निर्वाचन से जुड़े कुछ अधिकारियों का कहना है कि शहरों पर आचार संहिता लागू नहीं होती जिस कारण यह टेंडर निकाले जा सकते हैं| भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहिंदर भगत ने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए टेंडर रद करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर जब आचार संहिता लागू है तो नगर निगम की ओर से टेंडर किसी भी सूरत में नहीं निकाले जाने चाहिए थे| उन्होंने कहा कि एक तरफ तो जालंधर के डीसी वरिंद्र कुमार शर्मा समाचार पत्रों में और मीडिया के सामने यह बयान देते हैं कि आचार संहिता का पालन सख्ती से किया जाएगा और दूसरी तरफ उन्हीं समाचार पत्रों में नगर निगम की ओर से टेंडर जारी किए जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि डीसी जिले का निर्वाचन अधिकारी होता है| यह उसकी जिम्मेदारी है कि किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन ना हो| अगर प्रदेश में चुनाव हैं तो विकास कार्यों के टेंडर नहीं निकाले जाने चाहिए थे| खासकर तब जबकि पंचायत चुनाव की तिथि भी घोषित हो चुकी है| कांग्रेस पर हमला बोलते हुए भगत ने कहा कि 2 साल जब तक आचार संहिता लागू नहीं हुई थी तब तक तो कांग्रेस ने कोई विकास कार्य कराया नहीं| अब जबकि आचार संहिता लागू हो चुकी है तो टेंडर निकाल कर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है| उन्होंने कहा कि इन टेंडरों को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए| डीसी को यह मामला स्टेट में उठाना चाहिए| साथ ही इन टेंडरों को पब्लिश करवाने पर जो खर्च आया है वह किसकी जिम्मेदारी होगी यह भी तय किया जाना चाहिए| उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले स्टैंडर्ड निकालकर कांग्रेस सरकार पंचायत चुनाव को प्रभावित करना चाहती है| यह चुनाव आयोग को खुली चुनौती है| अतः इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए|