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थाने में बम धमाका : कहीं बावा हेनरी के इलाके में अशांति फैलाने की साजिश तो नहीं?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
शहर के मकसूदा थाने में हुए बम धमाके के तार जालंधर से ही जुड़ते नजर आ रहे हैं| जिन पत्रकारों को ईमेल भेजा गया है वे सभी जालंधर से ही ताल्लुक रखते हैं| इससे एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि दहशत फैलाने की साजिश पंजाब नहीं बल्कि जालंधर के लिए ही थी| यह हमला एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया लगता है| सूत्रों की मानें तो यह साजिश जालंधर नार्थ के विधायक बावा हेनरी के इलाके में दहशत फैलाने की थी। हालांकि सूत्र इसकी पुष्टि नहीं करते हैं|


दरअसल बावा हेनरी के विधायक बनने से पहले जालंधर नाॅर्थ विधानसभा क्षेत्र में अपराध का ग्राफ काफी बड़ा था| चोरी लूटपाट स्नेचिंग आदि की स्थिति बहुत गंभीर थी। विधायक बनते ही बावा हेनरी ने सबसे पहला प्रयास इस तरह के अपराधों पर लगाम लगाने का किया था| अपने इस प्रयास में वह काफी हद तक सफल भी हो गए थे| खासकर उनके विधायक बनने के शुरुआती दिनों में तो अपराध जैसे खत्म से नजर आ रहे थे| सूत्र बताते हैं कि इसके लिए बावा हेनरी ने साम दाम दंड भेद सभी तरह के हथकंडे अपनाए और अपराधियों को रोका। सरकारी प्रयासों से इतर बावा हेनरी ने निजी तौर पर भी अपराधियों को कड़ी चेतावनी अप्रत्यक्ष तौर पर दे दी थी| इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए और जनता बेखौफ होकर जीने लगी थी| मगर पिछले कुछ समय के दौरान हुई वारदातों पर नजर डालें तो जलंधर नाॅर्थ में अपराधियों में इजाफा हुआ| खिंगरा गेट गोलीकांड भले ही किसी भी वजह से हुआ हो लेकिन उसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया था| सूत्र बताते हैं कि हेनरी के इलाके की यह शांति कुछ लोगों के गले से नीचे नहीं उतर रही थी| इसलिए इलाके में दहशत फैलाने की तैयारियों पर विरोधी मंथन करने लगे थे लेकिन थाने पर हमले जैसी हिमाकत यह विरोधी कर पाएंगे इस बारे में सूत्र स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहते हैं| हालांकि, सूत्र यह जरूर कहते हैं कि हेनरी के विरोधियों के कुछ करीबी खालिस्तानी आतंकियों से भी मेल मिलाप रखते हैं| ऐसे में संभव है कि उन्हीं के जरिए दहशत फैलाने की यह साजिश रची गई है| फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है| साजिश का असली जिम्मेदार कौन है इसका खुलासा तो पुलिस जांच के बाद ही हो सकेगा| लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि बावा हेनरी की बढ़ती लोकप्रियता विरोधियों को रास नहीं आ रही| अपना सिंहासन डोलता हुआ देख कर विरोधी कोई भी कदम उठाने से पीछे नहीं हटने वाले| यही वजह है कि बम धमाके को ऐसे वक्त पर अंजाम दिया गया जब ग्रामीण इलाकों में पंचायत चुनाव में पुलिस पूरी तरह से व्यस्त थी और दूसरी ओर शहर में डीजीपी के आगमन के चलते पुलिस सुरक्षा व्यवस्था हाई अलर्ट पर थी। दहशत फैलाने के लिए यह समय एकदम उपयुक्त था| इसीलिए अपराधियों ने ऐसे समय को चुना|

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