एजाज अंसारी, मधुबनी
हरलाखी के सरकारी विद्यालय के एक शिक्षक द्वारा राजनीति में दखल देना असंवैधानिक है। सरकारी पद पर बने रहकर राजनीतिक बयानबाजी करना और विधायक के विरोध में लोगों को भड़का कर गुटबाजी करना नियमों के विरुद्ध है। उक्त बातें रालोसपा के प्रखंड अध्यक्ष मो. आलम ने उमगांव में प्रेस वार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि प्रखंड के पिपरौन स्थित हरिजन प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक देवचन्द्र प्रसाद सिंह उर्फ मोहन कुशवाहा ने विधायक के विरोध में बयान देकर एक दैनिक अखबार में प्रकाशित करवाया था।
https://youtu.be/v27eL8d1-nI
एक सरकारी विद्यालय में शिक्षक के पद पर बने रहकर राजनीति में दखलंदाजी संविधान के खिलाफ है। इतना ही नहीं विधायक के विरोध में उक्त शिक्षक के द्वारा विशेष जाति के लोगों को भड़का कर गलत तरीक़े से गुटबाजी करने की भी कोशिश की जा रही है। कुछ लोगों को साथ लेकर जगह जगह राजनीतिक बैठक भी की जा रही है। ऐसे शिक्षक जो राजनीति में दखल देना चाहते हैं तो उन्हें सरकारी पद से त्याग पत्र देकर संवैधानिक तरीक़े से राजनीति बयानबाजी कर सकते हैं। लेकिन समाज में सुशोभित सरकारी पद पर बने रहकर अमर्यादित काम अशोभनिय है।
शिक्षा विभाग को ऐसे शिक्षक पर विभागीय कार्रवाई करनी चाहिए। अगर विभाग उस शिक्षक के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं करती है तो हम सभी राजनीतिक सदस्य ठोस कानूनी कार्रवाई के लिए बाध्य हो जाएंगे।