नई दिल्ली| 3 हिंदी भाषी राज्यों में करारी हार के बाद केंद्र सरकार अब जनता को मुफ्त में पैसा बांटने जा रही है| जी हां अब हर महीने एक मुस्त राशि जनता के खाते में आएगी| यूनिवर्सल बेसिक इनकम योजना के तहत यह राशि प्रत्येक परिवार को हर माह दी जाएगी| कई देशों में यह योजना पहले से ही लागू है| आगामी बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली इस योजना की घोषणा कर सकते हैं| इस योजना के तहत हर व्यक्ति को हर महीने एक निश्चित राशि या एकमुश्त राशि दी जाएगी| फेसबुक के सीईओ मार्क जुकर बर्ग भी इस योजना के समर्थक हैं| उनका मानना है कि इस योजना से आम आदमी को अपने जीवन स्तर में सुधार करने में मदद मिलती है| माना जा रहा है कि यह योजना आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए वरदान साबित हो सकती है|
सबसे पहले वर्ष 1967 में मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने गारंटीड इनकम का आईडिया दिया था ताकि आई में समानता खत्म हो जाए| इस योजना के तहत किसी देश की सरकार अपने हर नागरिक को हर महीने एक निश्चित राशि देती है| वर्ष 2016 17 के आर्थिक सर्वे में गरीबी को खत्म करने के लिए इस योजना की सिफारिश की गई थी| सर्वप्रथम मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के 9 गांव में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरुआत की गई थी| वर्ष 2010 से 2016 तक चलाए गए इस प्रोजेक्ट के तहत बच्चों और वयस्कों को हर महीने एक निश्चित रकम उन के बैंक खातों में दी गई| इसकी फंडिंग यूनिसेफ की ओर से की गई और बाद में सर्वे भी किया गया| सर्वे में पाया गया कि इस रकम से लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है| विश्व के कई देश अपने स्तर पर अपने नागरिकों को यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं| इनमें साइप्रस फ्रांस अमेरिका के कई राज्य ब्राजील कनाडा डेनमार्क फिनलैंड जर्मनी नीदरलैंड आयरलैंड स्वीटजरलैंड लक्जमबर्ग और यूनाइटेड किंग्डम शामिल है| इनमें से कई देशों में यही योजना या तो पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जा रही है या फिर यह देश अपने नागरिकों को पैसा दे रहे हैं|
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