नीरज सिसौदिया, जालंधर
आरटीआई एक्टिविस्ट रविंदर पाल सिंह चड्ढा ने एक बार फिर कांग्रेस पार्षद कंवलजीत कौर गुल्लू और उनके पति मोहिंदर पाल सिंह गुल्लू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार चड्ढा ने गुल्लू की राजशाही का पर्दाफाश करते हुए स्थानीय निकाय विभाग को ही उनका गुलाम बता दिया है| रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने कहा कि कमलजीत कौर गुल्लू की जिस अवैध बिल्डिंग पर डिच चलाई जानी चाहिए थी उस बिल्डिंग के बाहर नगर निगम की डेिच और ट्रक कूड़ा उठाने और मलबा उठाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज में गुल्लू सरकारी अधिकारियों की सेवा का पूरा लाभ उठा रहे हैं| ऐसी राजशाही तो कैप्टन अमरिंदर सिंह भी पटियाला में नहीं उठा रहे जैसा पार्षद गुल्लू और उनके पति उठाने लगे हैं|
उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारी पूरी तरह से गुल्लू के गुलाम हो चुके हैं| अब जरूरत बस इतनी है कि नगर निगम के सफाई कर्मचारी गुल्लू के घर में जाकर झाड़ू पहुंचे का काम भी करने लगे| इस सुविधा से गुल्लू को महरूम नहीं रखा जाना चाहिए जब नगर निगम उसको इतनी सुविधाएं दे रहा है| चड्ढा ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी गुल्लू की बिल्डिंग रेगुलर करने की बात तो कहते हैं लेकिन जो बिल्डिंग रेगुलर हो ही नहीं सकती वह कैसे रेगुलर की गई है| उस अवैध हिस्से को नगर निगम के अधिकारी क्यों नहीं गिरा रहे यह समझ से परे है| उन्होंने आरोप लगाया है कि नगर निगम के अधिकारी गुल्लू के हाथों की कठपुतली बन गए हैं| अधिकारियों ने अपने पद और गरिमा को भी मिट्टी में मिला दिया है| चड्ढा ने कहा कि वह गुल्लू की इस अवैध बिल्डिंग के खिलाफ हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल करने जा रहे हैं। अब अदालत ही यह फैसला करेगी कि नगर निगम के अधिकारी नाकारा है या काम जिम्मेदारी से कर रहे हैं| इस संबंध में जब गुल्लू से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका मोबाइल नॉट रिचेबल आया। इस संबंध में जब नगर निगम के कमिश्नर दीपर्वा लाकड़ा से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे भी संपर्क नहीं हो पाया|