झारखण्ड

बुजुर्ग था नि:संतान, मौत के बाद गांव वालों ने मिलकर पहुंचाया श्मशान, किया दाह-संस्कार, श्राद्ध के लिए भी मदद को बढ़े हाथ

Share now

बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट के बरई पंचायत के हरलाडीह में सोमवार को जागृति संवेदना की प्ररेक पहल देखी गयी है। गांव के अकेले बेेसहारा बुजुर्ग के शव काे ग्रामीणों ने कंधा दिया, मुखाग्नि दी और दाह संस्कार किया। जहां एक तरफ स्वकेंद्रित समाज में लोग सिमटते जा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ हरलाडीह गांव में एक अकेले बुजुर्ग की मौत पर संवेदना ऐसी जागी कि पूरे गांव के ग्रामीण उसके शव को कंधे देकर श्मसान घाट ले गए। संतान सुख से वंचित 85 वर्षीय घुजा साव अपने दो पत्नियों के सहारे जीवन की गाड़ी खींच रहे थे। घुजा साव पिछले कई सालों से बीमार थे। रविवार को शाम 5 बजे हो गयी थी। बुजुर्ग की मौत की सूचना पर पंचायत के उप मुखिया डाॅ. बिजय कुमार वर्मा, महरू साव, दिलीप गुप्ता, मनोज प्रसाद, केदार नायक, रतन नायक, कुलेश्वर सिंह, मनोज कुमार वर्णवाल, महेश ठाकुर, मोहन प्रसाद वर्णवाल, बिरेंद्र प्रसाद के सामूहिक प्रयास से सोमवार को गांव के सैकडों महिला-पुरूष गाजे-बाजे के साथ बुजुर्ग के शव को पूरे नेम-निष्ठा के साथ लेकर श्मसान घाट पहुंचे और शव को मुखाग्नि दी। दाह-संस्कार किया। इस नेक कार्य की चर्चा इतनी तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हुई कि जो सुना और जो देखा सबने इस पहल को मानवता की मिसाल बताया। 85 वर्षीय बुजुर्ग घुसा साव की पत्नियां गुलाबी देवी व मुन्नी देवी लड़खडाती जुबां से कहती हैं कि शायद किसी को संतान रहने के बावजूद ऐसा कर्मकांड नसीब नहीं हुआ होगा। गांव के ग्रामीणों की इस मानवता जीवित रहे और यही हमारी संवेदना बने रहे। आज के इस युग में भी कुछ भले लोग हैं जो मानवता जिंदा है। इधर, किंग कोबरा के सुप्रीमो श्याम सुंदर महतो ने इस मामले में बुजुर्ग श्राद्व कार्य के लिए मदद की पहल की है। हरलाडीह के ग्रामीणों ने मानवता की मिसाल पेश की है।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *