झारखण्ड

बोकारो थर्मल: रोजगार की मांग को लेकर प्लांट गेट में मजदूरों ने शुरू की भूख हड़ताल 

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी पावर प्लांट का निमार्ण कार्य करने वाली कंपनी पावर मेक के द्वारा छंटनी किये गये 125 विस्थापित एवं स्थानीय मजदूरों को रोजगार देने की मांग को लेकर बोकारो जिला टाईगर फोर्स के बैनर तले सोमवार को प्लांट गेट के समक्ष दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ़ गए। जिसमें अफसर अली, महताब आलम, मिन्हाज आलम, रोशनलाल यादव, तजीद आलम शामिल है।
टाईगर फोर्स के नेताओं ने डीवीसी प्रबंधन के खिलाफ वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी कर प्लांट का धुंआ बंद करने और अधिकारियों के आवासों का बिजली-पानी काटने की घोषणा की प्रबंधन को चुनौति दे डाली। टाईगर फोर्स के बोकारो जिलाध्यक्ष राजू खान ने कहा कि पावर प्लांट का काम करने वाली कंपनी पावर मेक में वर्ष 2009 से 2018 तक स्थानीय एवं विस्थापित बेरोजगारों ने काम करके अपने जीवन का बहूमूल्य समय दिया है ओर वर्तमान में कंपनी प्रबंधन ने 125 वैसे मजदूरों को काम से हटाकर उन्हें बेरोजगार कर दिया है। हटाये गये मजदूरों को काम पर रखने को लेकर डीवीसी प्रबंधन से कई दफा वार्ता भी हुई परंतु प्रबंधन की ओर से महज आश्वासन ही मिलता रहा। अंततः बाध्य होकर चरणबद्ध आंदोलन के तहत मजदूर व विस्थापित सोमवार से दो दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठ़ गए। इसकी जवाबदेही डीवीसी प्रबंधन की होगी। प्रबंधन की वादा खिलाफी के कारण 125 मजदूर सपरिवार भूख से मरने की नौबत आ गयी है। 3 साल से रोजगार की आंस में मजदूरों की आखें पथरा गयी है। प्रबंधन दलालों के आगे घुटना टेक दिया है।

नतीजा उन्हें मजदूरों की भूखमरी पर ध्यान नही जा रहा है। मजदूरों के घरों में कैसे चूल्हा जल रही है, इसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि डीवीसी के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का जमींर मर गया हो। इस स्थिति में मजदूरों के पास आत्महत्या करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नही बचा है। अगर एक भी मजदूर रोजगार के अभाव में उनकी दुर्भाग्य वस मौत होती है, तो शव के साथ प्लांट में आंदोलन होगा और चिमनी का धुंआ बंद किया जाऐगा। इस आंदोलन में मुख्य रूप से तारसेन सिंह, ताजउद्दीन अंसारी, महताब अंसारी, मो. अजहर, वकील महतो, राजकुमार महतो, सुदन रविदास, कमरूल अंसारी, सुनील जोशी, फालो महतो, विश्वनाथ महतो, हसमुद्दीन अंसारी, संतोष कुमार पासवान सहित सैकड़ों विस्थपित व स्थानीय मजदूर शामिल थे।

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