अमित पाठक, बहराइच
आज संवाददाता मंथन में कंछर के रवि शुक्ल ने कहा कि लोकतंत्र हमे महान बनाता है, हमारी विशेषता और जनभावनाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। निजी स्वार्थ को त्याग हम सभी को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। हम कोई गलती करती हैं और उसकी सजा हमे मिल जाय तो हम गैरों पर दोष लगाने लगते, यह गलत है। हमारे अंदर स्वीकार करने की क्षमता होनी चाहिए। पिछले चार पांच वर्ष से स्वहित के चक्कर में आरोपों का जो दौर शुरू हुआ है वह निंदनीय है। हाल ही में लोकसभा चुनाव सम्पन्न हुए और टीवी चैनलों ने एक्ज़िट पोल में एनडीए की सरकार बनने की बात कही, सरकार किसकी बनती है अलग बात है! पर उसके बाद विपक्ष के नेताओं का जो आरोपों का दौर जो बयानबाज़ी शुरू हुई है वह बेहद ही चिंताजनक है सारे विपक्ष के नेता एक सुर में ईवीएम पर सवाल खड़ा कर रहे हैं कोई ईवीएम बदलने की तो कोई चुनाव परिणाम बाद खून खराबे तक कि बात कर रहा है….इन बयानों से उनकी उनकी क्षमताओं का पता चलता है, जब आप यह कहते हैं कि अगर जीतें तो सब सही और अगर भाजपा जीते तो ईवीएम से छेड़छाड़, यह सरासर जनादेश का अपमान है। आप जब दिल्ली जीतते हैं, आप जब पंजाब जीतते हैं, आप जब कर्नाटक जीतते हैं, आप जब मध्यप्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ जीतते हैं, तब ईवीएम सही रहती। पर जब आप हारते हैं, तो ईवीएम खराब। ईवीएम से छेड़छाड़, यहाँ तक की आप देश की संवैधानिक संस्थाओं पर न्यायपालिका पर भी आरोप लगा सकते हो। यह सरासर देश की जनता का अपमान है। मैं व्यक्तिगत तौर पर सभी नेताओं को सलाह देना चाहता हूँ, अपने अंदर स्वीकार की भावना लाएं और देश की जनता के जनादेश और देश के लोकतंत्र का सम्मान करें।