नीरज सिसौदिया, जालंधर
नगर निगम जालंधर के रोजाना नए नए किस्से सामने आ रहे हैं. रविंद्र कुमार जो निगम में बतौर हैड ड्राफ्समेंन का काम क़र रहे हैं साथ में उन को टेम्परेरी तौर पर ए टी पी का चार्ज भी दिया हुआ है जिसका वो भरपूर फायदा ले रहे हैं. इसकी पुष्टि सूत्र करते हैं. उनके इलाके में कोई भी बिल्डिंग हो या मकान बन रहा हो या फिर दुकानें ही क्यों न हों, इनसे निगम के खजाने की बजाए अफसरों के खजाने भरने में लगे हुए हैं.
सूत्रों से पता चला है कि रविंद्र के इलाके में जो भी कमर्शियल बिल्डिंग बनती है उसकी सरकारी फीस का चालीस प्रतिशत उसके खाते में जमा करवाया जाता है. पूरी बिल्डिंग बनाने तक अवैध कारोबारी का भरपूर सहयोग दिया जाता है. ताजा मामला ऐसा दीप नगर के बडिंग, लंबा पिंड चौक और संजय गांधी नगर इलाके का है. यहां पर एक एनआरआई अपने घर को ही तोड़ कर छह दुकानें अवैध रूप से बना रहा है.
दुकानों के निर्माण के लिए बिजली का पोल तक तोड़ दिया गया है. यही नहीं बडिंग क्षेत्र में आने के लिए जो गेट है उसमें एक कॉलोनी तैयार हो रही है जो अवैध है लेकिन इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही
इसने अपने साथ जो भी ऑफिसर लगा है उसको भी अपने रंग में रंग रहा है.
अभी तो ये ऑफिसर टेम्परेरी है तो इसका ये हाल है अगर ये पूरी तहर आ गया तो पूरे निगम को ही कंगाल कर देगा.
इसके अलावा लंबा पिंड चुंगी के सामने हरदयाल नगर की मेन गली में छह दुकानें और उसके पीछे अवैध रूप से क्वार्टर बनाए जा रहे हैं. वहीं, संजय गांधी नगर में मेन बाईपास पर भी अवैध निर्माण बेरोकटोक किया जा रहा है. इनमें से किसी के भी खिलाफ एटीपी रविंदर की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. एक तरफ तो सरकार खजाना खाली होने का रोना रो रही है, वहीं दूसरी ओर एटीपी रविंदर कुमार जैसे लोग सरकारी खजाने को लाखों रुपए के राजस्व की चपत लगा रहे हैं. हैरानी की बात तो यह है कि एमटीपी परमपाल के जालंधर में दोबारा तैनाती के बाद एटीपी लखबीर सिंह इस जिम्मेदारी से मुक्त हो चुके हैं. ऐसे में रविंदर कुमार को टेंपरेरी तौर पर दिया गया एटीपी का चार्ज वापस लेते हुए यह जिम्मेदारी एटीपी लखबीर सिंह को दी जानी चाहिए थी. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा. सूत्र बताते हैं कि रविंदर को एटीपी लगाने के पीछे मकसद ही यही था कि वह अवैध निर्माणों से अवैध वसूली करके अपनी और अपने आका की जेबें भी भरे. अगली किस्त में हम आपको बताएंगे कि एटीपी ऱविंदर के इलाके में और कहां कहां अवैध कॉलोनियां तैयार की जा रही हैं और अवैध निर्माण किए जा रहे हैं.