लुधियाना : जिला लुधियाना जोकि हौजरी कारोबार के नाम से विख्यात है, इसमें सैकड़ो की संख्या में बाल श्रमिक काम करते मिल जायेंगे। लेकिन जिला प्रशासन जोकि कुंभकर्णी नींद में सो रहा है उसे ये बाल श्रमिक दिखाई नहीं देते। जिला टास्क फोर्स कमेटी द्वारा की गयी आज की करवाई इसी का जीता जागता उदाहरण है। जिस तरह समंदर से एक बाल्टी पानी निकालने से समंदर खाली नहीं होता उसी तरह लुधियाना जैसे शहर से कभी कभार 10-12 बाल श्रमिक मुक्त करवाने से लुधियाना को बाल श्रम मुक्त बना पाना असंभव है। इसके लिए प्रशासन व सरकार कितने संजीदा है ये हम सब भली भांति जानते है।
आज स्थानीय लुधियाना के कबीर नगर इलाके में जैकेट बनाने वाली 2 फ़ैक्टरियों में जिला टास्क फोर्स कमेटी ने छापामारी कर 13 बँधुआ बाल श्रमिक मुक्त कराये। मुक्त करवाने के बाद सभी बाल श्रमिकों का सिविल हस्पताल में मेडिकल कराया गया। मेडिकल करवाने के बाद जब बच्चे शिमलापुरी के लिए निकलने लगे तो उनके लिए विभाग की गाड़ियां गायब रही। लगभग 20-25 मिनट तक सभी बच्चे गाड़ियों का इंतज़ार करते रहे। गाड़ियां आने के बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। बाल कल्याण समिति ने सभी बच्चों को शार्ट टर्म स्टे हेतु बाला जी बाल घर भेज दिया। बचपन बचाओ आंदोलन ने लेबर विभाग से मुक्त बच्चों को उनका बनता बकाया मज़दूरी दिलाने के लिए आग्रह किया।
जिला अधिकारी द्वारा बनाई गई टास्क फोर्स टीम में नायब तहसीलदार मुख्तियार सिंह, सहायक डायरेक्टर फैक्ट्री सुखविंदर सिंह भट्टी, लेबर इंस्पेक्टर हरदेव सिंह, जिला बाल सुरक्षा यूनिट से संदीप पन्नू, हेमंत शर्मा, सेहत विभाग से डॉ हरी ओम, शिक्षा विभाग के हरमिंदर रोमी, चाइल्ड लाइन NGO से हरजीत सिंह व बचपन बचाओ आंदोलन के सदस्य शामिल थे।