झारखण्ड

स्वांग वाशरी की मेन बिल्डिंग गिरी, तीन मजदूर घायल

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बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
बेरमो कोयलांचल के सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र अंतर्गत स्वांगवाशरी का मेल बिल्डिंग गुरुवार को गिर गया जिसमें दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं एक मजदूर को हल्की चोटें आई हैं। अचानक बिल्डिंग के गिरने की आवाज सुनकर वाशरी में कार्यरत कर्मचारी एवं आसपास के रहने वाले लोगों ने घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। अफरा तफरी के माहौल में दोनों घायल मजदूरों को मलबे से निकाला गया, जबकि एच टी रूम में पैनल गिरने से एक मजदूर को चोट लगी है। उक्त तीनों मजदूरों को इलाज के लिए सीसीएल के कथारा अस्पताल भेज दिया गया।

जानकारी के अनुसार, स्वांग वाशरी में करीब 1:45 बजे बैजनाथ महतो और मोहन मांझी हाजिरी बनाने के बाद मेन बिल्डिंग के छह नंबर प्लांट में काम कर रहे थे कि अचानक बिल्डिंग का आधा पाट भरभरा कर गिर गया। जिसमें दोनों मजदूर मलबे में दब गए आनन-फानन में दोनों मजदूरों को मलबे से निकालकर इलाज के लिए भेजा गया, जबकि बिल्डिंग का पैनल गिरने से बगल के रूप में काम कर रहे एक मजदूर छोटका डे को भी चोटें आई हैं। उन्हें भी इलाज के लिए भेज दिया गया। उसी बिल्डिंग में तीन और मजदूर बाल-बाल बच गए। इस संबंध में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि सीएमपीडीआई के जांच के बाद उसे बंद कर दिया गया था वे दोनों मजदूर उक्त बिल्डिंग के में काम करने कैसे गए यह जांच का विषय है। जबकि स्थानीय जानकारों का कहना है कि वरीय पदाधिकारी के प्लांट बंद करने के बाद भी काम कराया जा रहा था जिस समय बिल्डिंग गिरी उस वक्त मजदूरों का पाली बदलने का वक्त था अन्यथा और भी बड़ी घटना हो सकते थे।घटना की सूचना पाकर चास एसडीओ प्रेम रंजन पहुंचे और घटना की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि घटना के बाद बचाव कार्य किए जा रहे है। इसमें पुलिस और सीआरपीएफ की टीम लगी हुई है। स्थानीय लोग भी इसमें मदद कर रहे है।

बेरमो कोयलांचल के सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र अंतर्गत स्वांग वाशरी परियोजना को जबरन चलाने के कारण गुरुवार को इमारत धराशायी हो गयी और तीन मज़दूर घायल हो गए। इस संबंध में सीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि 18 जुलाई को ही उक्त प्लांट को बंद करने का आदेश दे दिया गया था। किस परिस्थिति में वहां काम कराया जा रहा था यह जांच का विषय है। स्वांग वाशरी परियोजना 1970 में बनकर तैयार हुआ था। इस परियोजना को वेदाग कंपनी ने बनाया था। जानकार बताते हैं कि कंपनी ने नियत आयु के बाद प्लांट को बंद कर देने का सलाह भी दिया था। मगर प्रबंधन ने इस परियोजना में कार्यरत कर्मचारियों की जान जोखिम मे डालकर आर्थिक लाभ के लिए 49 वर्ष तक चलाती रही। जब इसकी स्तिथि अत्यंत नाजुक हो गई तब सीसीएल प्रबंधन ने 11 नवंबर 18 को सीएमपीडीआई को प्लांट की गुणवत्ता जांच करने के लिये पत्र दिया। पत्र के आलोक में सीएमपीडीआई के अधिकारियों ने स्वांग वाशरी का जायजा लिया और सीसीएल प्रबंधन को उक्त प्लांट को चलाना असुरक्षित कहा। सीएमपीडीआई के अधिकारियों ने जांच के बाद सीसीएल प्रबंधन को प्रतिवेदन देकर सीसीएल प्रबंधन को सुपुर्द कर दिया था और कहा था कि यह प्लांट अब चलने लायक नहीं है। यदि इस प्लांट को चलाया गया तो किसी भी दिन एक बड़ी हादसा हो सकती है। सीएमपीडीआई के सलाह के बाद भी स्वांग वाशरी के परियोजना पदाधिकारी ने प्लांट को चलाना जारी रखा। जबकि सीएमडी गोपाल सिंह कह रहे हैं कि 18 जुलाई 19 से उक्त प्लांट बंद है। मालूम हो कि परियोजना में आज भी करीब 500 मजदूर कार्यरत हैं। उक्त प्लांट में भी तीनों पाली में मजदूर काम करते हैं। मेन बिल्डिंग के प्लांट से बेल्ट के माध्यम से कोयला सीसीबी में पहुंचाया जाता है। गुरुवार को जब बैजनाथ महतो और मोहन मांझी अपना हाजिरी बनाकर प्लांट के मेन बिल्डिंग के छह नंबर प्लांट पर जाकर बेल्ट में कोयला के आवागमन को देख रहे थे, उसी समय प्लांट धराशाही होकर गिर गया। शुक्र है कि प्लांट का जो लोहे का एंगल से चोट नही लगी अन्यथा मामला गंभीर हो सकती थी। जब प्लांट का मलबा गिरा तो प्लांट के -बगल के एचटी रूम भी चपेट में आ गई। वहां भी चार मजदूर काम कर रहे थे। जिसमें एक छोटका डे को हल्की चोट लगी है। उस बिल्डिंग में 11000 का विद्युत प्रवाहित कंट्रोल रूम है। यदि उस पर प्लांट का मलबा गिर जाता तो पूरे वाशरी में और भी बड़ी घटना हो सकती थी।


एसडीओ प्रेम रंजन ने कहा कि बिल्डिंग काफी पुरानी थी, इसके बावजूद यहां काम कराया जा रहा था। इसकी जांच कराई जा रही है और रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी हेड क्वार्टर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी। दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
इधर स्वांग वाशरी प्रबंधन का कहना है कि बिल्डिंग जर्जर हो गयी थी, जिसको चलते प्लांट को बाईपास कर दिया गया था, इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, यहां आजसू के केंद्रीय महासचिव डॉ. लंबोदर माहतो पहुंचे और घटना को दुखद बताया।

लंबोदर महतो ने कहा कि प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह घटना घटी है। यहां गोमिया बीडीओ मोनी कुमारी, सीओ ओम प्रकाश मंडल, सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट मुन्ना लाल ,सीआई सुरेश बर्णवाल,सर्किल इंस्पेक्टर राधे श्याम दास, गोमिया थाना प्रभारी अनिल उरांव,दारोगा, मुकेश कुमार, राजेश विश्वकर्मा, बिनोद विश्वकर्मा, धनंजय सिंह, बिनोद पासवान, परवीन कुमार, अवधेश सिंह आदि मौजूद थे।

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