सोहना, संजय राघव
शुक्रवार देर रात मरीज की मौत हो जाने पर सोहना के नागरिक अस्पताल में परिजनों ने जमकर हंगामा कियाl परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया वही इमरजेंसी के सामने शव को रखकर जमकर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की lपरिजनों ने बताया कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके मरीज की मौत हुई है l गौरतलब है कि गांव जकोपुर का 24 वर्षीय युवक जहरीला पदार्थ खाने के बाद नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां पर उसकी 1 घंटे बाद मौत हो गई lअस्पताल प्रशासन का कहना है कि उनके रेफर होने के बाद उनके परिजन मरीज को गुड़गांव नहीं ले गए जिस वजह से उसकी मौत हो गई lयुवक की मौत के बाद शव इमरजेंसी के सामने रखकर जमकर नारेबाजी कीl हंगामा बढ़ता देख मौके पर भारी तादात में पुलिस पहुंची l जिन्होंने हालात को काबू किया पुलिस ने शव को गुड़गांव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया lवही परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी.
गांव जकोपुर का रहने वाला वाला चरण सिंह(24) जिसने कोई जहरीला पदार्थ खा लिया था l मिर्तक के भाई कुणाल ने बताया कि जहरीला पदार्थ खाने के बाद उसे सोहना के नागरिक अस्पताल में लाया गया lजहां पर पहले डॉक्टर मौजूद नहीं थे ढूंढने के बाद डॉक्टर ने उसके ग्लूकोस लगा दिया वह नमक का पानी देना शुरू कर दिया lकुछ देर बाद डॉक्टर वहां से नदारद हो गए lजब उनके भाई की हालत खराब हुई उस समय वो डॉक्टर को अस्पताल में ढूंढते रहे lइस दौरान उसकी मौत हो गई.
चरण सिंह की मौत के बाद वहां मौजूद परिजन व गांव के लोगों ने मृतक के शव को अस्पताल के इमरजेंसी गेट के सामने रखकर जमकर बवाल मचा दिया lउन्होंने स्वास्थ्य विभाग व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की व सीधे तौर पर आरोप लगाया कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से उनके भाई की मौत हुई है l इसी दौरान मौके पर सोहना पुलिस पहुंची जिसने जाकर शव को अपने कब्जे में कर गुडगांवा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया l
थाना प्रभारी सतवीर ने बताया कि परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर दिया है वह इसकी जांच शुरू कर दी है.
इस मौके पर अस्पताल में मौजूद डॉक्टर प्रवीण ने बताया कि शुक्रवार 7:15 के करीब जहरीला पदार्थ खाए हुए इस मरीज कोई इमरजेंसी में लाया गया lमरीज को उसी समय फर्स्ट एड दी गई l हालत गंभीर होने के कारण उसे सोहना नागरिक अस्पताल से गुड़गांव सेक्टर 10 में रेफर कर दिया गयाl लेकिन उसके परिजन उसे वहां से लेकर नहीं गए इसमें किसी भी तरह से अस्पताल की लापरवाही नहीं थी.