दिल्ली

दो साल में तीन करोड़ से गरिमा ने बढ़ाई आदर्श नगर की ‘गरिमा’

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली

किसी शायर ने क्या खूब कहा है-

मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है,
नाउम्मीदी से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है.
कुछ ऐसा ही कर दिखाया है आदर्श नगर की निगम पार्षद गरिमा गुप्ता ने| गरिमा गुप्ता को वार्ड पार्षद बने अभी महज 2 साल ही हुए हैं| दिल्ली सरकार के असहयोग के बावजूद इन 2 वर्षों में गरिमा ने अपने नाम को सार्थक कर दिखाया है| वार्ड के विकास के लिए तत्पर गरिमा गुप्ता अब तक इलाके में लगभग तीन करोड़ रुपये की लागत सेे विकास कार्य करवाने में सफल रही हैं| दिलचस्प बात यह है कि गरिमा गुप्ता को पार्षद फंड से मात्र 25 लाख रुपये ही अब तक मिल पाए हैं| ऐसे में वार्ड की समस्या को देखते हुए उन्होंने सांसद दरबार में गुहार लगाई और केंद्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद हर्षवर्धन ने उनकी गुहार पर विकास के लिए सांसद निधि का मुंह खोल दिया|
तीखी दिल्ली से खास बातचीत में गरिमा कहती हैं- “जब मैं लक्ष्मीबाई कॉलेज में पढ़ती थी उसी दौरान राजनीति में सक्रिय रूप से भागीदारी निभाने की इच्छा मन में हुई और मैं एबीवीपी का हिस्सा बन गई| लगभग 12 साल पहले शुरू हुआ सियासत का यह सफर अब भी बदस्तूर जारी है| दिल में जनता के लिए कुछ करने की ख्वाहिश थी इसलिए सियासत में आना जरूरी था|”
गरिमा बताती हैं – “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बाद भारतीय जनता पार्टी से प्रत्यक्ष रूप से मेरा सियासी सफर आगे बढ़ा| पहले पार्टी ने मुझे आदर्श नगर मंडल के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी और फिर जिला महिला मोर्चा उपाध्यक्ष के पद से नवाजा|”
वह आगे कहती हैं कि विगत निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने एक निर्धारित पॉलिसी के तहत सभी नए चेहरों को मैदान में उतारा तो मुझे भी पार्षद बनने का मौका मिला| बस उसी दिन से ठान लिया कि जो भरोसा पार्टी ने मुझे पर जताया है उस पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करने के साथ ही इलाके के विकास के लिए कुछ ऐसा कर जाऊंगी जिसे लोग बरसों तक याद रखें|
इलाके की जनता के लिए बहुत कुछ करने का अरमान संजोए गरिमा गुप्ता कहती हैं कि दिल्ली सरकार विकास की राह में रोड़ा बनी हुई है| इलाके का विकास तो हम कराना चाहते हैं, प्रस्ताव भी तैयार हैं लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से फंड ही मुहैया नहीं कराया जा रहा| एक सोची-समझी साजिश के तहत दिल्ली सरकार भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के लिए फंड मुहैया नहीं करा रही है ताकि भाजपा की छवि को खराब किया जा सके| वह कहती हैं कि राजनीति में उलझी आम आदमी पार्टी को इतना भी समझ नहीं आ रहा कि उसकी इस राजनीतिक विद्वेष की धारणा से नुकसान तो आम जनता को ही झेलना पड़ रहा है| गरिमा गुप्ता से जब इलाके में लगभग तीन करोड़ के विकास कार्य बिना दिल्ली सरकार की मदद के कराने के बारे में पूछा गया तो वह कहती हैं कि “जनता ने बड़ी उम्मीदों से मुझे यह अवसर दिया है| ऐसे में यह मेरा फर्ज बनता है कि जहां से भी संभव हो मैं फंड की व्यवस्था करूं और इलाके की समस्याओं का निदान करूं|” वह कहती हैं कि सिर्फ दिल्ली सरकार के सिर पर ठीकरा फोड़ने से कुछ नहीं होने वाला| यह जरूर है कि अगर दिल्ली सरकार फंड मुहैया कराती तो आज 2 साल के भीतर वार्ड की सूरत ही बदल चुकी होती|

गरिमा गुप्ता,भाजपा निगम पार्षद

दिल्ली सरकार ने किया निराश, सांसद हर्षवर्धन ने पूरी की आस
गरिमा कहती हैं कि दिल्ली सरकार ने तो हमें निराश किया है लेकिन केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद हर्षवर्धन ने पूरा सहयोग दिया| चाहे ओपन जिम बनाना हो, पार्कों में लाइटें लगवानी हों, बेंचेज लगवानी हो, हाई मास्ट लाइट लगवानी हो या कोई और कार्य हो, सांसद ने हमेशा मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है. यही वजह है कि आज इलाके में लगभग तीन करोड़ से भी अधिक रुपए के विकास कार्य कराए जा सके हैं| विकास के सफर पर एक नजर डालते हुए गरिमा गुप्ता कहती हैं कि हमने आजादपुर में तीन-चार सड़के बनवाई आदर्श नगर में भी कुछ सड़कों का काम किया पैच वर्क भी लगातार चलता रहता है|

दो साल में सिर्फ 25 लाख रुपए ही मिले विकास के लिए
गरिमा गुप्ता कहती हैं कि नगर निगम की ओर से मुझे अब तक सिर्फ ₹25 लाख ही मिल पाए हैं| यह राशि बेहद कम थी इसलिए जितने कार्य संभव हो सके उतने कार्य संपन्न करवाए गए हैं| विकास कार्यों की प्राथमिकता सूची हमने तैयार की हुई है| हाल ही में 25 लाख रुपए की नोटिफिकेशन और आई है लेकिन अभी तक यह राशि हमारे खाते में नहीं आई है| जिस दिन यह राशि हमारे खाते में पहुंच जाएगी उस दिन इलाके में 25 लाख रुपये के और विकास कार्य कराए जाएंगे| वह कहती है कि उम्मीद है कि जल्द ही यह 25 लाख रुपए हमारे खाते में आ जाएंगे और प्राथमिकता के आधार पर विकास कार्य करवाए जाएंगे|
जनहित के कार्यों में राजनीति न करें केजरीवाल
गरिमा कहती हैं कि फंड को लेकर काफी दिक्कतें होती हैं दिल्ली सरकार को यह समझना चाहिए कि विकास पारिषद अपने लिए नहीं कर रहा बल्कि जनता के लिए कर रहा है| यह वही जनता है जिसने अरविंद केजरीवाल को भारी बहुमत देकर मुख्यमंत्री का पद से नवाजा है| फिर उसी जनता के साथ केजरीवाल सौतेला व्यवहार आखिर क्यों कर रहे हैं? यह समझ से परे है| उन्हें जनहित के कार्यों में राजनीति नहीं करनी चाहिए. वह कहती हैं कि फिर भी हमारी कोशिश रहती है कि जहां से भी फंड आ सके वहां से लाया जाए और पब्लिक के वेलफेयर के काम कराए जा सकें| इसे गरिमा की सक्रियता ही कहेंगे कि वह सिर्फ पार्षद फंड पर ही निर्भर नहीं रही बल्कि हॉर्टिकल्चर हेड सहित विभिन्न हेड से भी फंड जारी करवाकर विकास कार्य करने में सफल रही हैं|
पानी सड़क और सीवर की समस्या का हल है प्राथमिकता

गरिमा गुप्ता कहती हैं कि उनकी प्राथमिकता सूची में टूटी हुई सड़कों का पुनर्निर्माण कराना, सीवरेज समस्या से जनता को निजात दिलाना और स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना है| वह कहती है कि स्वच्छ पेयजल की समस्या आज की नहीं है बल्कि काफी समय से यह निरंतर चली आ रही है. दिल्ली सरकार के अंतर्गत दिल्ली जल बोर्ड आता है जिसके कारण इस समस्या का समाधान राजनीति की भेंट चढ़ चुका है| उन्होंने कहा कि हमने कई बार दिल्ली सरकार को इस संबंध में पत्र भी लिखे हैं और स्थानीय विधायक पवन शर्मा को भी सूचित किया है लेकिन ना ही दिल्ली सरकार नींद से जागी और ना ही पवन शर्मा ने यह समस्या हल करवाने की जहमत उठाई| उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार सत्ता में आती है तो नगर निगम से समन्वय बेहतर होगा और विकास कार्यों के लिए फंड की भी कोई कमी नहीं होगी|
भाजपा का बूथ कार्यकर्ता भी विधायक बनने की क्षमता रखता है
गरिमा गुप्ता से जब विधानसभा चुनाव को लेकर आदर्श नगर विधानसभा सीट के संभावित उम्मीदवार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का बूथ लेवल कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री बनने की कूव्वत रखता है| यहां चेहरे पर नहीं पार्टी के नाम पर चुनाव लड़ा जाता है| उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा कि मोदी जी चाय बेचते थे और आज प्रधानमंत्री बन गए हैं| भाजपा का हर कार्यकर्ता भी यही ताकत रखता है| रही विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार की बात तो पार्टी जिसे योग्य समझकर टिकट देगी हम उसका पूरा साथ देंगे और आदर्श नगर विधानसभा सीट जीतकर उसकी झोली में डाली जाएगी|


निगम को काम नहीं करने दे रहे अरविंद केजरीवाल

गरिमा गुप्ता कहती है कि अरविंद केजरीवाल नगर निगम को काम नहीं करने दे रहे हैं| वह भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों को फंड ना देकर यह साबित करने का प्रयास करने में लगे हुए हैं कि भाजपा पार्षद कोई भी काम कराने में सक्षम नहीं है| उन्होंने कहा कि जनकल्याण के कार्यों में कोई राजनीति नहीं की जानी चाहिए| जब उनसे पूछा गया कि अगर विकास कार्य नहीं होंगे तो विधायक भी तो नकारा साबित होंगे इस पर गरिमा कहती हैं कि आम आदमी पार्टी के नेता जनता को बरगलाने में माहिर हैं| पिछली बार भी वे झूठे वादे करके सत्ता में आ गए थे और अब भी वही कार्य करने में लगे हुए हैं| उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की ओर से उन्हें प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ रुपए का फंड मिलना चाहिए था लेकिन 2 वर्ष होने को हैं और सिर्फ 25 लाख रुपये ही पार्षद फंड में मिल सके हैं| इस 25 लाख रुपए के भरोसे अगर मैं रहती तो इलाके में कितने विकास कार्य हो पाते इसका अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं|
बहरहाल गरिमा गुप्ता अपने प्रयासों से विपरीत परिस्थितियों में भी कमल खिलाने का प्रयास कर रही हैं| दिल्ली सरकार और स्थानीय विधायक के असहयोग के बावजूद वह कभी सांसद निधि से तो कभी विभिन्न विभागों के प्रमुखों से इलाके के विकास के लिए फंड जारी करवाने में कामयाब रही हैं| वह कहती है कि दिल्ली सरकार चाहे जितने भी रोड डाल ले लेकिन जनता के हित के लिए वह हर मोर्चे पर कार्य करने के लिए डटी रहेंगी और जहां तक संभव होगा विकास कार्य बाधित नहीं होने देंगी|

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