नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही है. नोटबंदी के दौरान जो काला धन निकाला गया था वह एक बार फिर दो हजार रुपये के नोटों के रूप में कालाधन बनकर पूंजीपतियों की तिजोरियों में बंद हो गया है. मार्केट से लगभग 70 फीसदी दो हजार रुपये के नोट गायब हैं. ऐसे में भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर टूटनी लाजमी है. इस आर्थिक संकट को दूर करने के लिए नए साल में एक बार फिर नोटबंदी का बोझ आम आदमी को उठाना पड़ सकता है. यह दावा ज्योतिषाचार्य नरेश नाथ ने किया है.
ज्योतिष रत्नाकर नरेश नाथ ने ग्रहों की चाल और ज्योतिष गणना के आधार पर बताया कि आने वाले समय में 18 दिसंबर से 29 जनवरी 2020 तक बुद्धदेव अस्त हो रहे हैं. 15 दिसंबर से 10 जनवरी2020 तक गुरु बृहस्पति अस्त हो रहे हैं. शनि देव 27 दिसंबर से 30 जनवरी 2020 तक अस्त हो रहे हैं. यह तीन ग्रहों की स्थितियां और इनकी अवस्थाएं एक तरह से अति नीमन आर्थिक मंदी की ओर संकेत करती हैं. यह वाला समय भारत की अर्थव्यवस्था के लिए निम्न श्रेणी का हो सकता है.
मंगल के वृश्चिक राशि में होने के कारण भारत सरकार को कड़े कदम उठाने पड़ सकते हैं. इसका सबसे ज्यादा तुषार आघात उन लोगों को होगा जो बैंक और सामाजिक व्यवस्था में पैसा न रखकर अपनी तिजोरी में पैसा भर कर बैठे हुए हैं.
क्योंकि 10 जनवरी से लेकर 30 जनवरी के भीतर-भीतर सरकार को भारत के सबसे बड़े दो हजार के नोट की सरकुलेशन को बंद करना पड़ सकता है क्योंकि वर्तमान में भी 2000 का नोट 70 परसेंट सरकुलेशन में नहीं है. न ही बैंकों में है, न ही सामाजिक अवस्था में है. वह नोट कहां पर गया है? यदि वह मुख्य धारा में नहीं आया तो भारत की अर्थव्यवस्था को और 30 मार्च को आने वाले आंकड़ों को ग्रहण लग जाएगा. इसलिए सरकार को मजबूर होकर इस दिशा में कदम उठाना पड़ेगा ऐसी ग्रहों की घटनाओं के आधार पर भविष्यवाणी की जा रही है.
मंगल का मजबूत होना भूमि और भूमि के मूल्यों का अच्छा दाम मिलना एक शुभ संकेत होगा. शेष गुरु गोरखनाथ जाने.