पंजाब

…जब नाथ गद्दी ने बचाई खुदकुशी करने जा रहे कुलदीपक की जिंदगी

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नरेश नाथ की कलम से
कई बार कई माता-पिता ज्योतिष से संबंधित लोगों से पूछते हैं कि हम हर प्रकार का प्रयास कर रहे हैं, हर प्रकार का उपाय कर रहे हैं, परंतु उनके पुत्र या पुत्री को मन वांछित फल नहीं मिलता. उनको मर्जी की नौकरी या कारोबार नहीं मिल रहा या उनकी शादी नहीं हो पा रही है. इस संबंध में मैं गुरुनाथ को साक्षी रखकर अपने पास आए एक परिवार के बारे में बताता हूं कि उनका पुत्र विदेश में रह रहा है और कुछ कारणों से परेशान होकर आत्महत्या की बात करने लगा है. उस रात उसने कह दिया कि मैं कल सुबह तक खत्म हो जाऊंगा.

माता-पिता के लिए यह मरने के समान वार्ता थी. उन्होंने मेरे किसी जानकार के माध्यम से मुझे संपर्क किया और मदद मांगी. गुरुनाथ गद्दी का नियम है कि जब भी कोई मदद मांगता है तो हम 24 घंटे मदद के लिए तैयार रहते हैं यदि वह परिवार सुपात्र हो तो.
उस परिवार ने मुझे उसकी फोटो और उसकी विदेश में लोकेशन भेज दी. उसके बाद इस गद्दी द्वारा उन्हें निश्चिंत होकर बैठने के लिए कहा गया. दूसरे दिन जब उन्होंने अपने पुत्र को फोन किया तो उसने कहा कि मैं रिलैक्स हूं और मैं काम पर जा रहा हूं, आप चिंता मत करना.
ऐसा क्या हुआ कि जो व्यक्ति मौत के कगार पर पहुंच गया था, सुबह उठकर काम पर कैसे चला गया और आज तक नॉर्मल जिंदगी जी रहा है?
इस संदर्भ में मैं आपको बताना चाहता हूं कि हमारे ऋषियों द्वारा टेलीपैथी विद्या का प्रयोग किया जाता था, जिससे हम संसार के किसी कोने में बैठे हुए व्यक्ति के मस्तिष्क के साथ संपर्क बना सकते हैं, उनकी नेगेटिव एनर्जी को पॉजिटिव एनर्जी में कन्वर्ट कर सकते हैं लेकिन इस दौरान एक विधान और मिला कि वह पुत्र उस दंपति द्वारा बाबा बुड्ढा जी से प्राप्त किया हुआ था और वह दंपति उस गद्दी पर शुक्राना करने नहीं गया था. जब उन्हें इस बात का बोध कराया गया तो उन्होंने आगे किसी दिन जाकर उस गुरुद्वारे में जाकर शुक्राना किया और आते रहने का वचन किया.
दोनों ही सूरत में अध्यात्म योग नाथ योगी की शक्ति के प्रयोग से 12 घंटे में समस्या भी हल हो गई और उस परिवार का देवता का ऋण भी पता चल गया और वे दे दिया गया.
इस तरह अध्यात्म योग की शक्तियां मानवता के कल्याण के लिए प्रयोग की गई और उनके सशक्त परिणाम आए.
जय गुरु गोरखनाथ

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