पटना : नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ “हम भारत के लोग” के बैनर तले चल रहे देशव्यापी आंदोलन के अंतर्गत गुरुवार को पटना में भी प्रदर्शन हुआ। पटना के गाँधी मैदान में नागरिकों ने केंद्र सरकार की तानाशाही नीति, काला कानून और छात्रों पर हुई बर्बरता के खिलाफ पूरी ऊर्जा से विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक और देशविरोधी बताते हुए इसकी प्रतियां भी जलायीं।
स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुपम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि नोटबंदी ने अर्थव्यवस्था की जो हालात कर दी है वही हालत एनआरसी के कारण समाज की हो जाएगी। हर तरफ अफरा तफरी होगी और हर नागरिक परेशान होगा।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए अनुपम ने बताया कि जब से शाह और शहंशाह की जोड़ी सत्ता में आई है, असल मुद्दों पर काम करने की बजाए समाज को बांटने वाले मुद्दे उछालते रही है। आज देश में बेरोज़गारों को काम नहीं मिल रहा, किसानों को फसल का दाम नहीं मिल रहा, मज़दूरों को मान नहीं और महिलाओं को सम्मान नहीं मिल रहा। लेकिन मोदी सरकार का इन सब पर कोई ध्यान नहीं है। क्यूंकि हिन्दू-मुसलमान के अलावा किसी और मुद्दे की इन्हें पहचान ही नहीं है। इसलिए अब मौका आ गया है कि हर वो नागरिक आवाज़ बुलंद करे जो सरकार के घटिया खेल को समझ रहे है।
अनुपम ने कहा कि आज हमारे देश को देश की सरकार से ही खतरा है। और इस खतरे के खिलाफ चल रहे संघर्ष में छात्र और युवा अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि इस सरकार ने छात्रों पर ही युद्ध छेड़ दिया और विश्वविद्यालय को मैदान-ए-जंग बना दिया है। संविधान का शपथ लेने वाली पुलिस शाह की लठैत बन गयी है। हर सच्चे देशभक्त को चाहिए कि इन युवाओं का मजबूती से साथ दे ताकि देश बच सके।
अनुपम ने कहा कि भले ही यह सरकार मीडिया को खरीद ले, सोशल मीडिया पर ट्रोल की बौछार कर दे, जजों को ब्लैकमेल कर ले, कलाकारों और उद्योगपतियों को डरा ले, संस्थानों को निष्क्रिय और विपक्षी पार्टियों को सीबीआई/ईडी दिखाकर चुप करा दे, लेकिन आदर्शवादी छात्रों को नहीं खरीद सकते, देशभक्त युवाओं को चुप नहीं करा सकते। यही कारण है कि इस सरकार ने विश्विद्यालयों को ही मैदान-ए-जंग बना दिया है!
ज्ञात हो कि रामप्रसाद बिस्मिल और अशफाकुल्लाह खान की शहादत दिवस पर गुरुवार को देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन का आयोजन हुआ। पटना में भी युवा प्रदर्शनकारियों ने उन क्रांतिवीरों को नमन किया जिन्होंने देश की आज़ादी, एकता और सौहार्द के लिए बलिदान दिया था। साथ ही यह प्रण लिया कि देश को बाँटने की हर कोशिश को एकजुट होकर नाकाम करेंगे।
प्रदर्शन को संबोधित करने वालों में रिज़वान खान, अशोक प्रियदर्शी, राजाराम सिंह, शौकत अली समेत अन्य वक्ता भी थे। कार्यक्रम का संचालन ऋषि आनंद और अतुल झा ने किया।